Follow Us:

शिमला नगर निगम की बैठक में फ़िर हंगामा, किया वॉकआउट

पी. चंद |

नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला है ! इस बार हंगामा वार्ड में किए जाने वाले विकासकार्यों को लेकर हुआ है। निगम की मासिक बैठक में कांग्रेस और भाजपा के पार्षद रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक के निर्माण कार्य को लेकर आप में उलझे। मासिक बैठक में दोनों पार्षदों के बीच तीखी नोंकझोंक जाखू वार्ड में बनने जा रहे रेन वाटर हार्वेस्टिंग के निर्माण कार्य को लेकर हुई।

संबंधित वार्ड पार्षद ने बैनमोर वार्ड पार्षद पर टैंक के निर्माण कार्य को लेकर घुसपैठ करने का आरोप लगाया और निगम सदन से काम रुकवाने की मांग की। जाखू वार्ड पार्षद अर्चना धवन का कहना है कि जाखू वार्ड में अम्रुत योजना के तहत करीब 40 लाख से करीब 860 लीटर की क्षमता वाला रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनना प्रस्तावित है जिसके लिए लिए टेंडर प्रक्रिया भी हो गई है। लेकिन फॉरेस्ट क्लीयरेंस न मिलने से काम शुरू नहीं हो पाया है।

वहीं, बैनमोर वार्ड पार्षद ने इस काम को करने के लिए उच्च स्तर पर हेराफेरी कर टैंक का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए भूमि पूजन कर लिया है। साथ ही शहर का पहला रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक के लिए सरकार से प्राइज भी ले लिया है। अर्चना धवन ने कहा कि जाखू वार्ड की पार्षद वे हैं तो दूसरे वार्ड की पार्षद उनके वार्ड में कैसे कार्य सकती है। उन्होंने बैनमोर वार्ड पार्षद किम्मी सूद से पूछा है कि वे काम करने में सक्षम है यदि वे उनके वार्ड में निर्माण कार्य को बंद नहीं करती हैं तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।

उधर, इस मामले पर भाजपा पार्षद और बैनमोर पार्षद किम्मी सूद का कहना है कि 2016 में वार्डों के पुनर्सीमांकन से पहले जाखू और बैनमोर वार्ड की सीमा एक ही थी तो उस समय भाजपा से सम्बंध रखने वाले वार्ड पार्षद रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके तहत अम्रुत योजना के तहत करीब 40 लाख रुपए से टैंक बनाया जा रहा है टैंक का निर्माण बैनमोर वार्ड में जगह न मिलने के कारण जाखू वार्ड में बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे टैंक का निर्माण कार्य इसलिए कर रही कि 2016 से जो काम लटका पड़ा है उसे समय रहते पूरा कर लोगों को सुविधा प्रदान करना है।

उन्होंने कहा की यदि जाखू वार्ड की पार्षद काम को लेकर गम्भीर और सक्षम होती तो काम समय रहते पूरा करते। वार्ड पार्षद का आरोप निराधार है यदि अर्चना धवन सच में विकासकार्य करना चाहती हैं तो वे इस कार्य को छोड़ कर उन्हें काम दे सकती हैं। वे इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगी। मेयर कुसुम सदरेट ने एक दूसरे के वार्ड में हस्तक्षेप न करने का आग्रह किया है साथ ही दोनों पार्षदों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की बात कही है ! उन्होंने कहा कि सभी पार्षदों को वार्ड की जनता ने जीताकार भेजा है इसलिए वार्ड पार्षद को अपने वार्ड में विकासकार्य को करने का पूरा अधिकार है !