शिमला में निजी स्कूलों को श़ायद न तो किसी का डर और न किसी आदेशों की परवाह। यहां प्राइवेट स्कूल मनाही के बावजूद भी दोबारा एडमिशन फ़ीस वसूल रहे हैं। स्कूल खुलते ही दोबारा एडमिशन फ़ीस ली जा रही है और स्पष्ट कहा जा रहा है कि हमारे पास एडमिशन फीस न लेने का कोई ऑर्डर नहीं है। अब इस दोबारा एडमिशन को हम सरकारी प्रशासन की ढील कहें, विभाग का जुमला या फ़िर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी।
इसके लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता रवि कुमार दलित ने कहा कि प्राइवेट स्कूल खुल चुके हैं और अभिभावकों से जो बच्चे पहले से ही स्कूलों में पढ़ रहे हैं उनसे दोबारा ऐडमिशन फीस ली जा रही है। शिक्षा मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा था कि प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से ना तो एडमिशन फीस लेंगे और ना ही स्कूल की फीस बढ़ाएंगे।
जब उनसे पूछा जाता है तो वे ऑर्डर न मिलने की बात कहते हैं। अब सवाल ये है कि क्या प्राइवेट स्कूल मंत्री जी की बात को दरकिनार कर रहे हैं…?? साथ ही व्यक्ति ने अनुरोध किया है कि हमारा माननीय शिक्षा मंत्री से अनुरोध है कि जल्द से जल्द प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसा जाए और जो प्राइवेट स्कूल आपके आदेशों को नहीं मान रहे उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। अगर प्रदेश सरकार इन स्कूलों पर तुरंत कार्रवाई नहीं करती तो मजबूरन अभिभावकों के साथ सड़कों पर उतरना पड़ेगा और हम बताते चलें कि अभिभावकों में बहुत गुस्सा है।