सिरमौर के संगड़ाह अस्पताल में काफी अरसे से चालकों के सभी पद खाली होने के चलते यहां एंबुलेंस सेवा बंद है। अस्पताल में मौजूद दो एंबुलेंस के अलावा बीएमओ संगड़ाह की गाड़ी भी ड्राइवर न होने के चलते खड़ी है, जिससे ब्लॉक के सभी 37 स्वास्थय संस्थानों तक दवाएं ले जाने का काम भी प्रभावित हो रहा है। तीन वाहनों में नियमानुसार आठ-आठ घंटे ड्यूटी करने के लिए हालांकि नौ चालक होने चाहिए, मगर विडम्बना यह है किइन दिनों यहां एक भी ड्राइवर नहीं है।
जानकारी के अनुसार, एक एंबुलेंस गत वर्ष से बेकार खड़े-खड़े खराब होने के कगार पर है और इसे स्टार्ट तक नहीं किया गया। आखिरी बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षेत्र में हेल्थ मिनिस्टर के प्रवास के दौरान गत 17 से 22 जनवरी तक यहां जिला मुख्यालय से एक चालक को प्रतिनियुक्त किया गया था। तब से आज तक यहां दोनों रोगी वाहन के साथ-साथ बीएमओ की गाड़ी भी खड़ी है। सिरमौर जिला के उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद इस अस्पताल में मरीजों को एंबुलेंस सेवा से महरूम रहना पड़ रहा है। केवल आपातकाल में रेफर मरीजों को 108 एंबुलेंस दी जाती है।
बीएमओ संगड़ाह डॉ यशवंत सिंह के मुताबिक काफी अरसे से वह जिला की मासिक बैठक में यहां चालक भेजने का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। स्वास्थ्य खंड संगड़ाह की 41 पंचायतों को सेवाएं दे रहे इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले करीब 1 दशक से चार की बजाय मात्र 2 डॉक्टर मौजूद हैं। विभाग के अनुसार यहां अन्य सीएचसी से कम पद सृजित हैं। फार्मासिस्ट, चालकों और पैरामेडिकल स्टाफ को लगाकर सीएचसी की स्ट्रेंथ के मुताबिक यहां करीब 70 फीसदी पद खाली हैं। क्षेत्र के मरीजों को आपातकालीन स्वास्थय सेवाएं देने वाले इस अस्पताल में मौजूद मात्र दो चिकित्सकों को यहां अन्य दो पद खाली होने के कारण 12 घंटे के ड्यूटी करनी पड़ती है।
इन चिकित्सकों को मरीजों के इलाज के साथ-साथ फिटनेस सर्टिफिकेट, एमएलसी, पोस्टमार्टम और आरकेएस संबंधी कार्य भी देखने पड़ते हैं। बदहाल स्वास्थय सेवाओं के मुद्दे पर गत वर्ष जनवादी महिला समिति द्वारा 2 बार संगड़ाह में विरोध प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं। जिला भर में चालकों की कमी के चलते यहां नियमित ड्राइवर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है और आउटसोर्स से भी उक्त पद भरे जाने का प्रावधान नहीं है। यहां खाली पड़े अन्य पदों को भरने के लिए विभाग को लिखा जा चुका है।