तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा 31 दिसंबर तक अपने मैक्लोडगंज स्थित निवास पर ही रहेंगे। इस दौरान उनसे मिलने-जुलने की किसी को इजाजत नहीं होगी। तिब्बती धर्मगुरू मार्च माह के शुरूआत से ही मैक्लोडगंज स्थित अपने अस्थायी निवास स्थान पर हैं। कोविड-19 के प्रकोप के बीच फरवरी माह में ही दलाई लामा से मिलने पर पाबंदी लगनी शुरू हो गई थी। उस वक्त से लेकर दलाई लामा मैक्लोडगंज में ही हैं। उनसे मिलने की किसी को अनुमति नहीं है।
उनकी सेवा में 18 लोग तैनात हैं, वह भी वहीं पर रहते हैं। इसके अलावा ना ही तो वहां कोई आ सकता है ना ही बाहर जा सकता है। नौ माह बीत जाने के बाद इस बात की तैयारी होने लगी थी कि 85 वर्षीय दलाई लामा को अपने ही परिसर में हल्की-फुल्की मूवमेंट शुरू हो जाए, इसके लिए 28 नवंबर को मैक्लोडगंज में ही डॉक्टरों के एक पैनल के साथ दलाई लामा के निजी ऑफिस के अधिकारियों की लंबी वार्ता हुई।
उसी दौरान ये तय हुआ है कि दलाई लामा की उम्र को ध्यान में रखते हुए अभी इस निर्णय को लंबित रखा जाए। इसके लिए तय हुआ है कि 31 दिसंबर या उससे पहले एक बार फिर से सभी बैठकर पहले चर्चा करेंगे, उसके बाद ही कोई भी निर्णय लेंगे। यानी दलाई लामा अब 31 दिसंबर तक पैलेस में ही रहेंगे। निर्वासन में रहते हुए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा पहली मर्तबा इतने लंबे समय तक मैक्लोडगंज स्थित पैलेस में लगातार रहे हैं।
समाज सेवी तेनजिन सूंडू का कहना है कि धर्मगुरु दलाई लामा के दीदार का लोग ििइंतजार कर रहे है लेकिन कोरोना महामारी में अभी यह सम्भव नही है वे हमारे धर्मगुरु है और उनके आशीर्वाद से जल्द सब ठीक होगा ।