इनदिनों सेब का सीज़न जोरों पर हैं और इसी बीच चेक पोस्ट पर लग़ातार चैकिंग की जा रही है। इसी कड़ी में रविवार रात चंडीगढ़-मनाली हाइवे पर जामली में गाड़ियों को चैकिंग की गई और इस दौरान गाड़ियों के अधूरे काग़जात होने के चलते 3 हजार का चालान काटा गया। लेकिन, यहां ख़बर ये चालान काटना नहीं, बल्कि कागजातों की है।
दरअसल, चालान कटने के बाद ट्रक चालक ने कहा कि जहां से वे सामान उठाते हैं, वहां से अधूरे कागज़ दिए जाते हैं और रास्ते में परेशानियां आती हैं। इस संदर्भ में जब ट्रांसपोर्ट मालिकों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ट्रक चालक पूरे कागज़ खुद नहीं लेकर जाते।
ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्ट में कागजात का झमेला कौन करता है ये तो पता नहीं? लेकिन, इससे सरकार को लाखों रुपयों को चपत जरूर लग रही है। क्योंकि उपज कृषि मंडी चेक पोस्ट पर सेब पर मार्केट फीस काटी जाती है, लेकिन ट्रक चालक और ट्रांसपोर्ट सेब की जगह टमाटर-गोभी-मटर के कागज़ों को दर्शाते हैं। इन चीजों पर ने तो मार्केट फीस लगती है और सेब की सप्लाई भी आगे कंटिन्यू हो जाती है। जब कभी चैकिंग की जाती है तो उनके चालान काटे जाते हैं।
इसी कड़ी में रविवार को जिस हरियाणा नंबर गाड़ी का चालान काटा गया उसमें भी कागजात अधूर थे, जबकि उसमें गोभी और सेब भरे हुए थे। कृषि उपज मंडी चेकपोस्ट प्रभारी नंद लाल सैनी ने बताया कि ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्ट दोनों की मिलीभगत से यह काम हो रहा है। ना तो ट्रक चालक कागज पूरे लेकर आते हैं और ना ही ट्रांसपोर्टर कागज पूरे देते हैं जिससे सरकार को लाखों रुपए का चूना लग रहा है। ऐसे इन चालकों को देखते हुए नहीं छोड़ा जाएगा और इन पर उचित कार्रवाई की जाएगी।