ऊना के ईसपुर गांव की सहकारी सभा मे करोड़ों रूपये के घपले की ख़बर है। बताया जा रहा है कि सहकारी सभा में जमा करवाए गए लोगों के पैसे नहीं दिए जा रहे। इसके साथ ही सोसाइटी के माध्यम से कई लोगों के नाम पर लोन तक लिया गया है लेकिन उन्हें इस बात की उन्हें ख़बर तक नहीं है। मामले का खुलासा तब हुआ जब सोसाइटी के सदस्यों ने अपना पैसा वापस मांगा। पैसा वापस न मिलने पर लोगों ने सभा के सचिव पर गंभीर आरोप लगाए और पैसा न देने की बात कही। मामले में आवाज़ उठाने वाले लोगों को पर मानहानि का नोटिस देकर दबाव बनाया जा रहा है।
दरअसल, हरोली उपमंडल के तहत ईसपुर कि सहकारी सभा में बड़े स्तर पर गोलमाल का मामला सामने आ रहा है। इसी संबंध में रविवार को सभा हुई जिसमें जमाकर्ताओं ने सभा के सचिव पर करोड़ों रुपए का गोलमाल करने का आरोप जड़े। जमकर्ताओं ने कहा कि करीब 22 करोड़ रुपए की सभा से 17 करोड़ रुपये के लोन बांट दिए गए हैं। जबकि नियमानुसार इस सभा से मात्र 6 या साढ़े 6 करोड़ रुपए के लोन ही दिए जा सकते हैं।
जमाकर्ताओं का आरोप है कि सभा के सचिव ने अपने माता-पिता और बहन समेत करीब 5 रिश्तेदारों के नाम पर 90-90 लाख रुपए के लोन ले लिए हैं। सभा के सचिव की करीब 500 कनाल भूमि है जो उसकी अपनी खरीद है। सभा के सचिव की संपत्तियों की जांच की जानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके। जब वह अपनी जमा पूंजी वापस मांगते हैं तो सचिव हमेशा लोन की अदायगी ना होने का बहाना लगा देता है। जबकि सोसाइटी के सबसे ज्यादा लोन उसने अपने परिवार में बांट रखे हैं। ऐसे में उनकी जमा पूंजी कैसे वापस मिल सकती है।
जमाकर्ताओं ने आरोप जड़ा कि उन्होंने इंसाफ के लिए पुलिस और प्रशासन का दरवाजा भी खटखटाया ,लेकिन वहां से उन्हें मायूसी ही हाथ लगी। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने रिटायर्ड होने के बाद अपना सारा पैसा इसमें जमा करवाया है और आज समय आने पर उन्हें फूटी कौड़ी तक नहीं दी जा रही है। इनका आरोप है की 35 हज़ार की सैलेरी लेने वाला व्यक्ति आज 60 करोड़ की बीयर की फैक्ट्री लगा रहा है। आखिर इतना पैसा इसके पास कहा से आया है।
ईसपुर गांव में आज सभी लोगो द्वारा इस मामले में अपनी आवाज़ बुलंद की और जिला प्रसासन की तरफ से भेजे गए सहकारी सभा का मामला देख रहे अधिकारी भी मौके पर आए। उन्होंने आज लोगों की बात सुनी। अधिकारी की माने तो इस मामले में सोसाइटी कमेटी के पदाधिकारी इस मामले में एक साथ इकठे नहीं है। कमेटी की तरफ से ही इस मामले में प्रस्ताव पारित कर सेक्टरी पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव पारित करना होता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जल्द ही इस मामले में हम ऑडिट कर पूरे मामले से पर्दा उठा देंगे और लोगों को उनका पैसा दिलाया जायगा।