हिमाचल प्रदेश में एक ओर पटवारी परीक्षा में लापरवाही बरतकर युवाओं की अनदेखी हो जा रही है तो वहीं रोजगार बढ़ाने के अवसर के साथ सरकारी स्तर पर युवाओं को प्रशिक्षित करने की बात कही जा रही है। इसी बीच बताया जा रहा है कि अब महिला टैक्सी चालकों को प्रदेश में उतारने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सरकार कई तरह कार्यक्रम चला रही है।
इन्हीं में से एक भारतीय स्टेट बैंक कि ग्रामीण स्वरोजगार योजना के तहत शिविर लगाए जा रहे हैं जिसमें युवाओं और युवतियों को टेलरिंग, कटिंग, ब्यूटी पार्लर के अलावा ड्राइविंग भी सिखाई जा रही है। इन प्रशिक्षण शिविरों में सरकार की तरफ से रहने खाने का पूरा प्रावधान इन बेरोजगार युवाओं को मुफ्त में करवाया गया है। चंबा में भी इन दिनों प्रशिक्षण शिविर चल रहा है जिसमें 30 के करीब युवाओं और युवतियों ने बतौर टैक्सी ड्राइवर अपने रोजगार को अपनाया है।
उन्होंने टैक्सी चलाने का प्रशिक्षण अपने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लिया है। कार्यक्रम के डायरेक्टर सतीश चौहान ने बताया कि ग्रामीण स्वरोजगार योजना सरकार की एक स्वावलंबी योजना है जिसके तहत रोजगार के नए-नए तरीकों से युवाओं को ना सिर्फ हम अवगत करवा रहे हैं बल्कि इसके साथ उन्हें पूरी तरह प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। प्रशिक्षण देने के बाद बैंक के माध्यम से उन्हें ऋण भी उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि उन्हें अपना रोजगार शुरू करने में कोई दिक्कत ना हो। वही प्रशिक्षण ले रही युवतियों का कहना है कि वह अपने इस नए व्यवसाय से काफी उत्साहित हैं और जल्द ही वह टैक्सी चालक के रूप में सड़कों पर दिखाई देंगी।