पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में पंचायतों को पर्यटन से जोड़ने के लिए मनरेगा अहम भूमिका निभा रहा है। हिमाचल में पर्यटन को मनरेगा से जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। ऐसा करने वाला हिमाचल पहला राज्य है। हिमाचल के मंडी जिला के गोहर, कांगड़ा के धर्मशाला व ऊना के बंगाणा में मनरेगा के तहत क्षेत्र को विकसित किया है। जहां पर्यटकों की हर तरह की सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा। इन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों को भी आकर्षित करने की योजना है। अब प्रदेश के अन्य जिलों में भी मनरेगा के तहत ग्रामीण पर्यटन को विकसित किया जाएगा।
पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि लॉक डाउन के चलते बाहरी राज्यों के हज़ारों लोग वापिस अपने घर हिमाचल लौट आएं है व बेरोजगार हो गए है। ऐसे बेरोजगार युवाओं को भी मनरेगा के साथ पर्यटन रोजगार से जोड़ने की योजना है। प्रदेश के गांव में ही पैदल ट्रैक, कुएं बबड़ियो, बाग बगीचों को विकसित किया जा रहा है। साथ ही सरकार बेरोजगार युवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में ही सामूहिक स्टे होम बनाने के लिए मदद करेगी। जहाँ पर्यटक बेहतर सुविधाओं के साथ ग्रामीण परिवेश को नजदीक से देख सकेंगे।पंचवटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत पर्यटन स्थल बनाएं जा रहे है।