हिमाचल प्रदेश में 17 निज़ी विश्वविद्यालय हैं। 17 में से 6 यूनिवर्सिटी NAAC की मान्यता प्राप्त हैं। 500 प्राइवेट इंस्टिट्यूट हैं। प्रदेश के इन निजी शिक्षण संस्थानों में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इन संस्थानों में अयोग्य शिक्षक भर्ती किए हैं। मिली शिकायतों के बाद जांच में 30 से 35 फ़ीसदी शिक्षक अयोग्य पाए गए हैं। इसी तरह फ़र्जी डिग्रियों के बेचने का भी गोरखधंधा हिमाचल में चला। उधर, हिमाचल प्रदेश निज़ी संस्थान रेगुलेटरी कमीशन ने भी माना कि निज़ी शिक्षण संस्थान नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।
निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि हिमाचल में हॉस्पिटल कम जबकि नर्सिंग कॉलेज ज़्यादा हैं। प्रदेश में 48 नर्सिंग कॉलेज हैं। जिनमें नर्सिंग कर रही लड़कियों को प्रशिक्षण के लिए हॉस्पिटल कम पड़ रहे हैं। नर्सिंग और बीएड कॉलेज में ज़्यादा अवहेलना हो रही है। निज़ी संस्थानों 55 से 56 शिकायतें मिली हैं। वेबसाइट से डिग्री बेच दी गई। मानव भारती सहित ऐसी फ़र्ज़ी डिग्री बेचने वालों पर कार्यवाही हो रही है।
उन्होंने बताया कि 350 छात्र मानव भारती यूनिवर्सिटी में है जिस पर फेक डिग्री बेचने का मामला चल रहा है। छात्रों को वहां से दूसरे विवि में भेजा जाएगा। हिमाचल प्रदेश निज़ी संस्थान रेगुलेटरी कमीशन के पास मेन पावर की कमी है ऐसे में कमेटियों का गठन कर मॉनिटरिंग की जा रही है। सरकार से कमीशन को ताकतवर बनाने के लिए जरूरी संसाधनों की मांग उठाई गई है।
25 नवंबर को सोलन जिला के जेपी विश्वविद्यालय में रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा। आयोग की पहल पर यह पहला रोजगार मेला होगा। इस तरह के तीन और रोजगार मेलों का आयोजन आने वाले दिनों में किया जाएगा। देश की 30 नामी कंपनियां इस मेले में आकर युवाओं के साक्षात्कार लेंगी और उनका चयन करेंगी।