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बागवानों को आर्थिक समृद्धि की नई राह दिखा रही हिमाचल पुष्प क्रांति योजना

<p>फल राज्य के रूप में उभर रहे हिमाचल प्रदेश की आवो-हवा फूलों की खेती के लिए भी उतनी ही माकूल मानी जाती है। परंपरागत खेती के साथ-साथ फल व पुष्प उत्पादन के माध्यम से यहां का किसान- बागवान अपनी आर्थिकी और सुदृढ़ कर सकता है। प्रदेश में फूलों की खेती की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा हिमाचल पुष्प क्रांति योजना प्रारम्भ की गयी है।</p>

<p>इस समय प्रदेश में लगभग 643 हेक्टेयर क्षेत्र में पुष्प उत्पादन किया जा रहा है। इसमें तीन हजार किसान इन उत्पादन गतिविधियों में शामिल हैं और पुष्प उत्पादन के माध्यम से लगभग 90 करोड़ रुपए का व्यवसाय किया जा रहा है।</p>

<p>हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के अंतर्गत प्रदेश में प्राकृतिक हवादार पॉली हाऊस व पॉली टनल स्थापित करने, उत्कृष्ट पौध सामग्री उपलब्ध करवाने तथा मानव संसाधन विकास व क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है। योजना के अंतर्गत कृषकों को पुष्प उत्पादन शुरू करने के लिए अनेक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। किसानों को प्रशिक्षण व बाहरी राज्यों में प्रशिक्षण भ्रमण की व्यवस्था इसमें है।</p>

<p><strong><span style=”color:#c0392b”>योजना के लिए यह रहेगी पात्रता</span></strong></p>

<p>योजना का लाभ उठाने के लिए समीप के उद्यान प्रसार/विकास अधिकारी अथवा उद्यान विभाग के कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है। सहायता अनुदान हेतु पात्र किसान की स्वयं की भूमि व हिमाचल का स्थायी निवासी (बोनाफाईड) होना चाहिए। यदि किसान लीज (पट्टे) भूमि पर पुष्प खेती करना चाहता हो तो उसे भूमि की न्यूनतम 10 वर्ष की रजिस्टर्ड लीज डीड प्रस्तुत करनी होगी। एक लाभार्थी/परिवार अधिकतम 4 हजार वर्ग मीटर तक फूलों की खेती हेतु ही इस योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर सकता है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>पौध सामग्री पर यह मिलेगा अनुदान</strong></span></p>

<p>इस योजना के तहत ग्रीन हाऊस ढांचे में पंखे और पैड इत्यादि लगाने के लिए 85 प्रतिशत तक का उपदान देने का प्रावधान किया गया है। पॉली हाऊस व शैड नेट हाऊस में गुलनार व जरबेरा की खेती और पौध सामग्री उत्पादन के लिए लाभार्थी को 50 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है। इसकी लागत 610 रुपए प्रति वर्ग मीटर है। इसी प्रकार पॉली हाऊस व शैड नेट हाऊस में गुलाब व इलियम की खेती व पौध सामग्री के लिए भी 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है जिसकी लागत 426 रुपए प्रति वर्ग मीटर है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>निर्माण पर यह रहेगी लागत</strong></span></p>

<p>पंखा व पैड प्रणाली में निर्माण पर 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक के लिए लागत 1897 रुपए प्रति वर्ग मीटर, 501 से 1008 वर्ग मीटर तक लागत 1685 रुपए, 1009 से 2080 वर्ग मीटर तक 1633 रुपए तथा 2081 से 4000 वर्ग मीटर तक 1610 रुपए प्रति वर्ग मीटर की लागत निर्धारित है। इस पर 85 प्रतिशत अनुदान सरकार की ओर से प्रदान किया जा रहा है।</p>

<p>इसी प्रकार अधिकतम चार हजार वर्ग मीटर के प्राकृतिक वातायन (एयर कंडीशंड) प्रणाली ट्यूबलर स्ट्रक्चर के निर्माण पर भी 85 प्रतिशत सहायता उपदान का प्रावधान है। इसमें 500 वर्ग मीटर तक की लागत 1219 रुपए प्रति वर्ग मीटर, 501 से 1008 वर्ग मीटर की 1075 रुपए, 1009 से 2080 वर्ग मीटर की 1023 रुपए तथा 2081 से 4000 वर्ग मीटर की लागत 971 रुपए प्रति वर्ग मीटर निर्धारित है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>हमीरपुर जिला में 85 लाख 45 हजार रुपए का बजट प्रावधान</strong></span></p>

<p>हमीरपुर जिला में वर्तमान में लगभग 79,785 वर्ग मीटर क्षेत्र फूलों की खेती के अधीन लाया जा चुका है। वर्ष 2018-19 में जिला में फूलों की संरक्षित खेती के अंतर्गत कार्नेशन तथा सब्जियों को बढ़ावा देकर लगभग 15 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल को इसके अधीन लाया गया है। जिला में हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में लगभग 85 लाख 45 हजार रुपए की धनराशि आवंटित की गई थी, जिसमें से 76 लाख 29 हजार रुपए पुष्प उत्पादकों को उपदान के रूप में प्रदान किए जा चुके हैं।</p>

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