प्रदेश में फर्जी दिव्यांग पत्र बनाकर नौकरियां हासिल करने का एक मामला उजागर हुआ है। जिसका खुलासा स्वयं हिमाचल प्रदेश दिव्यांगजन संगठन के नेताओं ने किया। उन्होंने इस संदर्भ में तत्काल प्रभाव से आगामी कार्यवाही अमल में लाने को लेकर सीएम को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया गया है।
दिव्यांगों के कानूनी सलाहकार कुशल कुमार सकलानी का कहना है कि प्रदेश में दिव्यांगता का फर्जी प्रमाण पत्र लेकर बहुत सारे लोगों ने इस प्रमाण पत्र से फर्जी तरीके से नौकरी हासिल की है। जिनका नाम जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय से लेकर सर्विस बुक तक में दिव्यांगता को लेकर दर्ज नहीं हैं। ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जिन लोगों ने फर्जी दिव्यांग पत्र बनाकर नौकरी हासिल की है उनका दोबारा चिकित्सा बोर्ड के माध्यम से वीडियोग्राफी करके दिव्यांग का प्रमाण पत्र बनाएं जिससे दूध का दूध और पानी का पानी अपने आप साफ हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों में से जो पात्र लोग हैं, उन्हें रखा जाए और जो अपात्र हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाए ताकि पात्र दिव्यांगजन युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया होंगे। सकलानी का कहना है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार द्वारा जो आरपीडब्ल्यू एक्ट 2016 को लागू करने की घोषणा कर दी है। उसमें पिछले कल मंत्रिमंडल की हुई बैठक में दिव्यांग प्रकोष्ठ बनाने के फैसले का दिव्यांगजनों ने जोरदार स्वागत किया है और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।