हिमाचल सचिवालय में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस व्यर्थ में ही हो-हल्ला मचा रही है। बता दें कि 2015 में तत्कालिन राज्यपाल ने संविधान के अनुछेद 309 के परंन्तुक द्वारा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के परामर्श से प्रदेश क्रार्मिक विभाग ( सचिवालय प्रशासन सेवाएं) में लिपिक वर्ग के पद के लिए भर्ती और पदोन्नति के नियम बनाए थे। इन नियमों के अनुसारर भारत का कोई भी नागरिक इन पदों के लिए आवेदन कर सकता है। 14 नंबर कॉलम में दर्शाया गया है कि इन पदों पर आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य होना चाहिए।
जिस समय ये निमम बने थे उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। उस समय कांग्रेस कोई विरोध नहीं किया था। लेकिन अब बीजेपी कार्यकाल में जब बाहरी राज्यों से सचिवालय में नियुक्तियां कि गईं तो कांग्रेस इस पर राजनीति कर रही है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सचिवालय में हाल ही में 155 पदों की भर्ती हुई है, जिसमें 16 पद बाहरी राज्यों बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से संबंध रखने वाले अभ्यर्थीयों के हैं। जिनकी नियुक्ति पर प्रदेश कांग्रेस ने कड़ा का विरोध जताया है।