राजधानी शिमला में निर्जला एकादशी पर्व धूमधाम से मनाया गया। कई स्थानों पर छबील लगाकर राहगीरों को ठंडा पानी पिलाने के अलावा फल बांटे गए। शिमला में विभिन्न स्थानों पर लगाई गई छबीलों में लोगों को मीठा पानी पिलाया गया। वहीं, मंदिरों में भीड़ रही। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथी को निर्जला एकादशी और भीमसेनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऋषि वेदव्यास के अनुसार इस एकादशी को भीमसेन ने धारण किया था।
इसी वजह से इस एकादशी का नाम भीमसेनी एकादशी भी है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है और सुहागिनों द्वारा यह व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसी उद्देश्य से शिमला की कई महिलाओं ने व्रत रखा और मंदिरों में अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए कामना की। मंदिरों में जाकर श्रद्धालुओं ने शीतल पेय भी दान किए।