हिमाचल विधानसभा से शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विधानसभा परिसर के बाहर हंगामा देखने को मिला। शनिवार को पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर भारी संख्या में एनपीएस कर्मचारियों ने दाड़ी मैदान हल्ला बोल दिया है। ये सभी कर्माचारी नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेताया है कि यदि इस मुद्दे पर आज फैसला नहीं लिया गया तो कर्मचारी विधानसभा का घेराव करेंगे।
उधर सरकार सत्र के पहले ही दिन पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर साफ इंकार कर चुकी है। सरकार ने कहा कि अगर इस स्कीम को बहाल किया जाता है तो सरकार पर सालाना 500 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। ऐसे में प्रदेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस स्कीम को बहाल नहीं किया जा सकता। सरकार के इस फैसले के बाद भी शनिवार को प्रदेश के 12 जिलों से करीब 20 हजार एनपीएस कर्मचारियों ने डीसी कार्यालय धर्मशाला से दाड़ी मेला ग्राउंड तक पेंशन अधिकार रैली निकाली। क्यास लगाए जा रहे हैं कि यह सभी कर्मचारी विधानसभा परिसर की और रुख कर सकते हैं।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि जेसीसी बैठक में जिस तरह से न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ को नजरअंदाज किया गया है और पुरानी पेंशन बहाली की ओर कोई सकारात्मक कदम सरकार की ओर से नहीं उठाया गया उससे प्रदेश के 120000 कर्मचारी नाराज हैं। पेंशन कर्मचारियों का बुनियादी हक है। इस हक को 2003 में कर्मचारियों से छीन लिया गया। अगर सरकार ने कर्मचारियों को नजरअंदाज किया तो कर्मचारियों के आक्रोश को रोकना मुश्किल हो जाएगा और इसकी जवाबदेही सरकार की होगी।