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डिजिटल पीजोमीटर से हिमाचल में जलस्तर की होगी निगरानी, 2 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट

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Himachal Groundwater Monitoring: हिमाचल में अब डिजिटल  तरीके से वाटर लेवल का रिकार्ड होगा। जो ग्राउंड वाटर लेवल की मॉनिटरिंग और ऑनलाइन रियल-टाइम डेटा प्रदान करेंगे। वर्तमान में प्रदेश में 45 पीजोमीटर डीडब्ल्यूएलआर से कनेक्टेड हैं, जिनके माध्यम से नियमित रूप से ग्राउंड वाटर लेवल की निगरानी की जा रही है।

पहले चरण में  पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) के तहत सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड नॉर्थ हिमालयन क्षेत्र (सीजीडब्ल्यूबी एनएचआर) धर्मशाला द्वारा दो वर्षों में 205 पीजोमीटर लगाए जाएंगे। ये सभी पीजोमीटर डिजिटल वाटर लेवल रिकार्डर (डीडब्ल्यूएलआर) से लैस होंगे, जो ग्राउंड वाटर लेवल की मॉनिटरिंग और ऑनलाइन रियल-टाइम डेटा प्रदान करेंगे। वर्तमान में प्रदेश में 45 पीजोमीटर डीडब्ल्यूएलआर से कनेक्टेड हैं, जिनके माध्यम से नियमित रूप से ग्राउंड वाटर लेवल की निगरानी की जा रही है।

सीजीडब्ल्यूबी एनएचआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक संजय पांडे ने बताया कि ग्राउंड वाटर मॉनिटरिंग उन क्षेत्रों में की जाती है, जहां ग्राउंड वाटर की अधिक निकासी होती है। इसके लिए ड्रिलिंग कर डेडीकेटेड ट्यूबवेल बनाए जाते हैं, जिन्हें पीजोमीटर कहा जाता है। इन ट्यूबवेल्स के जरिए डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर से रीडिंग प्राप्त होती है, जिससे बोर्ड को रियल-टाइम जानकारी मिलती है कि वाटर लेवल में किस प्रकार का बदलाव हो रहा है।

उन्होंने बताया कि नवंबर माह की डीडब्ल्यूएलआर रीडिंग से यह आकलन किया जाएगा कि बारिश की कमी का ग्राउंड वाटर लेवल पर कितना प्रभाव पड़ा है। पीआईबी के तहत बनाए जाने वाले 205 पीजोमीटर का कार्य सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड को दो वर्षों में पूरा करना है। इन पीजोमीटर के माध्यम से प्रदेश में जल स्तर का बेहतर प्रबंधन और संरक्षण संभव होगा।