Himachal Protest: हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। शिमला में प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह पॉलिसी रद्द नहीं हुई, तो प्रियंका गांधी के छराबड़ा स्थित घर के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन दो साल के कार्यकाल में सरकार ने मुश्किल से 5,000 युवाओं को ही पक्की नौकरी दी है।
बेरोजगार युवाओं का कहना है कि गेस्ट टीचर पॉलिसी उनकी मेहनत और भविष्य के साथ अन्याय है। सरकार द्वारा यह नीति पार्ट-टाइम शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए लाई गई है, जिसमें प्रति पीरियड 200-500 रुपये का मानदेय दिया जाएगा। प्रदर्शन में भाग ले रहे युवाओं का कहना है कि यह नीति प्रदेश के आठ लाख से अधिक बेरोजगारों के साथ धोखा है।
इसी बीच, बिजली बोर्ड के 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को हटाए जाने से भी कर्मचारी आक्रोशित हैं। सोमवार को प्रदेशभर से शिमला पहुंचे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने बोर्ड मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि यदि ड्राइवरों की सेवाएं बहाल नहीं की गईं तो उग्र आंदोलन होगा।
आउटसोर्स यूनियन के राजेश चौहान ने बताया कि ड्राइवर 12 से 15 सालों से सेवाएं दे रहे थे और पहले से ही उन्हें कम मानदेय मिल रहा था। अब उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया है, जिससे उनका जीवन प्रभावित हो रहा है। बिजली बोर्ड कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग भी कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने मांगों को नहीं माना, तो विरोध तेज किया जाएगा।