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मंडी के प्रषुम्न को ISRO में मिली बड़ी जिम्मेदारी, बनाएंगे जियोस्टेशनरी लॉन्च व्हीकल

समाचार फर्स्ट डेस्क़ |

मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले गवारडू गांव के 23 वर्षीय प्रषुम्न भारत सरकार की प्रतिष्ठित स्पेस एजेंसी इसरो के लिए जिओस्टेशनरी लांच व्हीकल  बनाने वाली ​टीम शामिल है। यह जानकारी खुद प्रषुम्न ने मंडी में पत्रकारों से बातचीत में दी। बता दें कि इसरो में चयन होने के बाद प्रषुम्न पहली बार अपने घर मंडी पहुंचा है। यहां पहुंचने पर परिजनों सहित स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर भी प्रषुम्न को बधाई देने समारोह में पहुंचे और शाॅल व टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया।

जुलाई में इसरो में बतौर साइंटिस्ट कार्यभार संभाला

प्रषुम्न ने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमटेक की पढ़ाई की है। यहीं से ही 2018 में कैंपस प्लेसमेंट में उनका चयन इसरो के लिए हुआ। बीते 25 जुलाई 2019 को प्रषुम्न ने इसरो में बतौर साइंटिस्ट अपना कार्यभार संभालकर सेवाएं देना शुरू कर दिया है। प्रषुम्न ने बताया कि अंतरक्षि में जो यान भेजा जाता है, उसे बनाने वाली टीम में उन्हें काम करने का मौका मिला है। उन्होंने बताया कि यान के तीन भाग होते हैं और यह तीनों अलग-अगल स्थानों पर बनाए जाते हैं।

त्रिवेंद्रम में तैनात हैं प्रषुम्न

प्रषुम्न अभी त्रिवेंद्रम में तैनात है, जहां यान का सबसे उपरी और अहम भाग बनाया जाता है। इसे जिओस्टेशनरी लांच व्हीकल कहा जाता है। इसका संचालन लिक्विड हाईड्रोजन और ऑक्सीजन से होता है। प्रषुम्न का कहना है कि अभी उसका ट्रेनिंग पीरियड चल रहा है और आने वाले समय में वह अपनी अलग प्रोफाइल बनाकर देश के लिए कुछ नया करना चाहते हैं।

प्रषुम्न के पिता घनश्याम भारतीय जीवन बीमा निगम में विकास अधिकारी हैं, जबकि माता ऋतु सुमन साहल स्कूल में अंग्रेजी की लेक्चरर हैं। बेटे की इस कामयाबी से माता-पिता का सिर गर्व से उठ गया है। प्रषुम्न ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आईटीबीपी के रिकांग पिओ किन्नौर स्थित स्कूल से शुरू की थी। उसके बाद वह सरस्वती विद्या मंदिर मंडी, डीएवी सैंटेनरी पब्लिक स्कूल मंडी और जीनियस इंटरनेशनल स्कूल नेरचौक में पढ़ा।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमटेक किया

12वीं कक्षा के बाद उसका चयन आइआइटी कानपुर के लिए हो गया है। वहां से प्रषुम्न ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमटेक की पढ़ाई पूरी की। प्रषुम्न की माता ऋतु सुमन ने बताया कि उनके बेटे का दृढ़ निश्चय ​ही है कि आज वह इस मुकाम पर पहुंच पाया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनका बेटा इसी तरह से और आगे बढ़ेगा और बुलंदियों को छुएगा।