हिमाचल के बागवानों ने भी किसान आंदोलन का समर्थन किया है। बागवानों की मांग है की केंद्र सरकार किसान बागवानों को राजनीतिक साजिश के तहत अनदेखा न करें। हिमाचल के सेब बागवानों भी आशंका है की आने वाले दिनों में यहां भी कारपोरेट घरानों के पास गुलामी करने को बागवान मजबूर हो जाएंगे।
एपीएमसी मंडियों को बरबाद कर बेलगाम कारोबारियों के हाथों उन्ही की शर्तों और उन्ही के तय किये दामों पर सेब बेचने की बाध्यता हो सकती है। हिमाचल में सेब और फल और सब्जी उत्पाद को भी एमएसपी के दायरे में लाकर बागवानों का भविष्य सुरक्षित करने की मांग उठाई है। हिमाचल के किसान बागवान भी मजबूती के साथ देश भर कर अन्नतादातों के साथ, जल्द आंदोलन में शरीक होने की तैयारी कर रहे है।