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सिक्किम हादसे में शहीद हुए लांसनायक मनीष ठाकुर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

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  • सिक्किम में लैंडस्लाइड की चपेट में आकर लांसनायक मनीष ठाकुर हुए शहीद, आज हुआ राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार

  • 6 मार्च को हुई थी शादी, 2 जून को ड्यूटी पर शहीद, परिवार और गांव में शोक की लहर

  • हजारों लोगों ने अंतिम यात्रा में किया शामिल, पार्थिव देह के गांव पहुंचते ही बाइक रैली निकाली गई


Sikkim Landslide Army Death: सिक्किम में लैंडस्लाइड की चपेट में आकर शहीद हुए हिमाचल के लांसनायक मनीष ठाकुर को आज दोपहर लगभग साढ़े 3 बजे उनके पैतृक गांव बड़ावन में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पार्थिव देह गांव पहुंचते ही हजारों लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। घर के आंगन में रखे गए तिरंगे में लिपटे मनीष के पार्थिव शरीर को देख कर उनकी मां किरण बाला और नवविवाहिता पत्नी तनु का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

मनीष की अंतिम यात्रा में शामिल युवाओं ने बाइक रैली निकाली, जो गांव से होकर गुज़री। गांववासियों ने अपने वीर जवान को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार के समय सेना ने पिता जोगिंदर सिंह को तिरंगा सौंपा, जिसे उन्होंने कांपते हाथों से थामते हुए फूट-फूटकर रोना शुरू कर दिया। छोटे भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी।

मनीष ठाकुर 15 जनवरी 1998 को एक गरीब परिवार में जन्मे थे। वर्ष 2016 में 12वीं के बाद वह सेना में भर्ती हुए। उनके पिता मजदूरी करते हैं और मां गृहिणी हैं। मनीष ही परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी निभा रहे थे। गांव के प्रधान कमल शर्मा के अनुसार, मनीष बहुत मिलनसार और शांत स्वभाव के युवक थे, जो गांव आने पर सबके साथ आत्मीयता से मिलते थे।

6 मार्च 2025 को मनीष की शादी तनु से हुई थी। यह शादी मनीष ने अपनी मां के कहने पर की थी, जो बार-बार उनसे बहू लाने की इच्छा जताती थीं। शादी के बाद करीब डेढ़ महीने की छुट्टी लेकर मनीष घर आए और 10 अप्रैल को ड्यूटी पर लौटे। उन्होंने अपनी पत्नी को यह कहकर विदा किया कि वे जल्दी लौटेंगे।

2 जून की रात, सिक्किम के एक मिलिट्री कैंप में भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में मनीष सहित तीन जवान आ गए। हादसे की सूचना मिलने पर पूरा गांव स्तब्ध रह गया। मनीष ने घटना से एक दिन पहले घर पर फोन करके बारिश का ज़िक्र किया था

आज जब उन्हें अंतिम विदाई दी गई, तो हर आंख नम थी और हर दिल गर्व से भरा हुआ। यह वीर सपूत अपनी ड्यूटी, परिवार और देश के लिए समर्पण की मिसाल बनकर हमेशा याद रखा जाएगा।

लांस नायक मनीष ठाकुर की शहादत को नमन, बिंदल अंतिम संस्कार में हुए शामिल


नाहन, हिमाचल प्रदेश के नाहन विधानसभा क्षेत्र के बड़ाबन गांव के वीर सपूत लांस नायक मनीष ठाकुर, जो सिक्किम में अपनी ड्यूटी निभाते हुए दो दिन पूर्व मात्र 27 वर्ष की आयु में वीरगति को प्राप्त हुए, उनकी शहादत ने पूरे प्रदेश को शोक में डुबो दिया है। आज जब उनका पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो हर दिल में देशभक्ति की भावना और आंखों में आंसू थे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने लांस नायक मनीष ठाकुर के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। डॉ. बिंदल ने कहा, “हिमाचल प्रदेश, जो वीरभूमि के नाम से जाना जाता है, के हजारों नौजवानों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। मनीष ठाकुर जैसे वीर सपूतों की शहादत पर हमें गर्व है। उनकी वीरता और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा।”डॉ. बिंदल ने प्रभु श्री राम से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति दें।
इस अवसर पर शिमला से सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी, पूर्व विधायकों बलदेव तोमर, जिला अध्यक्ष धीरज, प्रदेश सचिव मुनिश और पूर्व जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता उपस्थित रहे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भी दुख व्यक्त किया।