हिमालय क्षेत्र के पहाड़ों पर होने वाली हलचल पर अब ड्रोन नजर रखेगा। ड्रोन में लगे उच्च तकनीक के कैमरों से चप्पे-चप्पे की जानकारी मिलेगी। आपात स्थिति में लोगों व प्रशासन को समय रहते सटीक जानकारी मिलने से जानमाल का नुकसान कम होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मंडी के विशेषज्ञों ने 3डी ड्रोन तकनीक विकसित की है। यह ड्रोन किसी भी तरह के मौसम में मैपिंग करने में सक्षम है।
ग्लोबल वार्मिग से हिमालय क्षेत्र की जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। इससे पिछले दो दशक में बादल फटने, मूसलधार बारिश, बाढ़ व भूस्खलन की घटनाओं में इजाफा हुआ है।
IIT मंडी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों की ओर से ईजाद की गई इस तकनीक में स्ट्रक्चर फॉर मोशन, मल्टी व्यू स्टीरियो व सरफेस रिकंस्ट्रक्शन उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। इससे ड्रोन में लगे कैमरे को किसी भी दिशा में घुमाकर तस्वीरें ली जा सकती हैं।
डॉ. डिरिक्स पी. शुक्ला, सहायक प्रोफेसर आइआइटी मंडी ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या बढ़ती जा रही है। पहाड़ों पर कल तक सेटेलाइट से नजर रखना संभव था। अब 3डी तकनीक से पहाड़ के चप्पे-चप्पे पर नजर रहेगी। यह तकनीक सेटेलाइट के मुकाबले सस्ती है और डाटा भी जल्द उपलब्ध होगा।