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हिमकेयर योजना ने दिखाई कलमू राम को मदद की राह, इस तरह लड़ी घातक कैंसर से लड़ाई

समाचार फर्स्ट डेस्क |

जिला कुल्लू में आने वाले आनी में एक परिवार उस समय सदमें चला गया जब उन्हें पता चला कि उनके परिवार के सदस्य कलमू राम को घातक रोग कैंसर है। कैंसर का नाम सुनते ही परिवार डर गया और ईलाज की चिंता दिन-रात सताने लगी। इसी चिंता में पूरा परिवार डूबा हुआ था। कई बार तो जिंदगी की उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन सरकार की हिमकेयर योजना फरिश्ता बनकर आई। कोप्टू निवासी कलमू राम ये शब्द कहते हुए भावुक होते हुए कहते हैं कि सरकार ने 5 लाख तक मुफ्त इलाज का वादा किया और अब मैं इस योजना से मुफ्त में इलाज करने के बाद कम से कम जिंदगी की उम्मीद करने लगा हूं।

कलमू राम को कुछ समय पहले घातक कैंसर ने जकड़ लिया था। उनका कहना है कि यदि सरकार ने 5 साल तक मुफ्त इलाज की योजना न चलाई होती तो शायद ही इस रोग से लड़ पाते। वह गरीब परिवार से संबंध रखते हैं, उनका एक बेटा है और आय का कोई खास साधन नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार की हिमकेयर योजना ने उनके जीवन में वरदान बनकर आई। कलमू राम न कहा कि वह कई बार योजना के तहत अपने रोग का इलाज करवा चुके हैं। यदि उन्हें अपनी जेब से ईलाज पर खर्च करना पड़ता तो शायद यह उनके लिए संभव नहीं था और वह जिंदगी की जंग हार जाते। ऐसे में हिमकेयर योजना ने उन्हें नई उम्मीद दी। कलमू राम ऐसी कल्याणकारी योजना चलाने के लिए प्रदेश की जयराम सरकार का आभार जताते हैं और सरकार से मांग करते हैं इस तरह की योजना को आम जनता के लिए बनाए रखे ताकि कोई गरीब आदमी धन के आभाव में ईलाज न कर पाने की सूरत में दम न तोड़ दे।

क्या है हिम केयर योजना

केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में न आने वाले परिवारों के लिए प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना पेश की है। इसके लिए लोगों को लोकमित्र केंद्र में जाकर कार्ड बनाना होता है। इसके लिए अलग अलग वर्गों के लिए अलग अलग फीस निर्धारित की गई है। बीपीएल, योजना में प्रीमियम श्रेणी के हिसाब से रहेगा। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीपीएल परिवार, रेहड़ी फड़ी और मनरेगा कामगारों के लिए किसी तरह का प्रीमियम नहीं देना पड़ेगा, जबकि 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों, 70 साल से अधिक आयु या वरिष्ठ नागरिकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आउटसोर्स कर्मचारी, मिड-डे मील वर्कर्स, अंशकालिक कर्मचारी, दिहाड़ीदार, आशा वर्कर्स, अनुबंध कर्मचारी वर्ग के लिए 365 रुपये का प्रीमियम रहेगा। अन्य लोगों के लिए 1 हजार रुपए की राशि कार्ड बनाने के लिए देनी होती है।

31 मार्च 2020 तक फिर बनाएं कार्ड

सरकार की ओर से योजना पेश करने के बाद इसमें लाखों परिवारों को पंजीकृत किया गया लेकिन कुछेक परिवार किन्हीं कारणों से पंजीकृत नहीं हो पाए। जनहितैषी सरकार ने मामले पर गंभीरता दिखाते हुए लोगों को एक बार इस योजना में पंजीकृत होने का मौका दिया है। 31 मार्च 2020 तक लोग अपने परिवार के पांच सदस्यों को इस योजना के तहत पंजीकृत करवाकर हिमकेयर कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को कार्ड पहले से बन चुके हैं वो भी 31 मार्च तक इन कार्ड को रिन्यू कर सकते हैं।

क्या हैं योजना के लाभ

चयनित परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक फ्री इलाज का प्रावधान है। हर परिवार से अधिकतम पांच सदस्य इस कैशलेस उपचार पैकेज का लाभ उठा सकते हैं। पांच से अधिक सदस्यों वाला परिवार अपने शेष सदस्यों को हर अतिरिक्त इकाई के लिए अधिकतम पांच सदस्यों के साथ एक अलग इकाई में नामांकित कर सकता है। इस स्कीम में लगभग 1800 इलाज प्रक्रियाओं कवर की जा रही हैं। जिसमें डे-केयर  सर्जरी भी शामिल हैं। परिवार के सभी सदस्य इस योजना के तहत शामिल होने के पात्र हैं। इसमें कोई आयु सीमा निश्चित नहीं की गयी है। प्रदेश में 193 अस्पताल पंजीकृत हैं, जिनमें लाभार्थी फ्री इलाज प्राप्त कर सकते हैं।