पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग सभी हितधारक विभागों के साथ 4 से 20 नवम्बर, 2019 तक शिमला एवं मनाली में ‘हॉर्न नॉट ओके’ अभियान चला रहा है। यह अभियान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा गत साल अगस्त माह में पर्यटकों और आम नागरिकों में मनाली और शिमला शहरों में ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से शुरु किया गया था। निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डीसी राणा ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों को भी प्रार्थना सभा के दौरान ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों को लेकर लेक्चर दिए जायेंगे। विद्यार्थियों को हॉर्न नॉट ओके के स्टिकर अपने परिजनों की गाड़ियों पर चिपकाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। ध्वनि प्रदूषण विषय पर आयोजित भाषण, वाद-विवाद, चित्रकला, प्रस्ताव लेखन भी इस अभियान का अंग होंगे।
उन्होंने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों से सप्ताह में एक दिन विद्यालय से बाहर ‘नो हॉर्न प्लीज़’, ‘दिस ईज़ साईलैंस जोन’, ‘स्कूल एरिया नो हॉर्न प्लीज़’, ‘होंकिंग इज प्रोहिबिटिड’ आदि बोर्डों के माध्यम से इस अभियान का प्रचार करने का आग्रह किया जाएगा। शिमला शहर के महाविद्यालयों में हॉर्न नॉट ओके पर आधारित विशेष लेक्चर भी आयोजित किए जाएंगे और स्कूलों और महाविद्यालयों में इस विषय पर चित्रकला, वाद-विवाद, प्रस्ताव लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
डीसी राणा ने कहा कि शिमला यातायात पुलिस इस दौरान शिमला शहर और आसपास के क्षेत्रों में प्रेशर हॉर्न बजाने वाले वाहन चालकों के चालान भी करेगी। शहर में हॉर्न नॉट ओके अभियान के अंतर्गत होने वाले चालानों के लिए एक विशेष दिवस घोषित करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक प्रशासन विभाग, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय आदि के चालकों और शिमला क्षेत्र के टैक्सी और ट्रक ऑपरेटर यूनियन के लिए शहर में जागरूकता अभियान आयोजित किया जाएगा। जागरूकता सामग्री और स्टिकर 4, 5, 13, 14, 18 और 19 नवम्बर शिमला और आसपास के क्षेत्रों में वितरित की जाएगी।