<p>सिरमौर जिला के ट्रांसगिरी क्षेत्र शिलाई का दुर्गम गांव कांडी कयाणा एक ऐसा गांव है जहां पर आज भी तीन मंजिला मकान देवदार लकड़ी के मौजूद हैं। हालांकि शिलाई क्षेत्र में दो मंजिला मकान तो नजर आ रहे हैं। जबकि कहा जाता है कि सर्दियों में लकड़ी के मकान गर्म होते हैं और गर्मियों मे लकड़ी से बने मकान ठंडे हो जाते हैं। जिससे लोगों को हर मौसम में राहत मिलती है पर विकास की राह पर लोग इतने आगे बढ़ चुके हैं कि पुराने मकानों की जगह पर नए मकान बनाए जा रहे हैं। जबकि, लकड़ियों के कई वर्षों से बने मकान आज भी अपनी मजबूती के सबूत स्वयं दिखाते हैं।</p>
<p>गांव के लोगों ने बताया कि तीन मंजिला मकान का रहस्य है पहले बिल्डिंग पर पशुओं को रखा जाता है दूसरे मकान में अपने कीमती औजार कीमती गहने व अपने घर के मौजूदा लोग इन दूसरे बिल्डिंग बनाते रखे जाते थे जबकि बाकी परिवार के सभी सदस्य तीसरी बिल्डिंग पर ही अपना गुजर-बसर करते थे कई पीढ़ियों से ऐसा ही चल रहा है लकड़ी का मकान का सबसे बड़ा फायदा है कि भूकंप का इन मकानों पर कोई असर नहीं होता इन तीन मंजिला मकानों को बुजुर्गों ने कितनी मजबूती से बनाए हैं ताकि और भी कई पीढ़ियां इसमें रह सकती है।</p>
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