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विधायक या पार्टी के खिलाफ लिखने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस कैसे ?

समाचार फर्स्ट डेस्क |

कोरोना आपदा के वक्त देश और प्रदेश में लॉकडाउन है । लोगों से घरों में रहने को कहा जा रहा है । ज्यादातर लोग सरकारी गाइडलाइंस को पालन करते हुए घरों में रह रहे हैं । कुछ लोग जो नियम का पालन नहीं कर रहे है, अब उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जा रही है । ये कार्यवाई आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत हो रही है । हिमाचल में भी कई लोग पर कार्यवाई हुई है ।

हमीरपुर के भोरंज इलाके में रिंकु जरियाल नाम के युवक पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है । रिंकु जरियाल जो स्थानीय कांग्रेस नेता हैं, उन पर भोरंज थाने में केस दर्ज किया गया है । रिंकु जरियाल पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया में स्थानीय विधायक के खिलाफ लिखा था । अपने पोस्ट में रिंकु ने बीजेपी की ओर से कोरोना फंड के नाम पर घर घर चंदा उठाने पर सवाल खड़े किये थे । जिसके बाद स्थानीय थाने से उनको फोन करके पोस्ट को हटाने को कहा गया । इसके बाद रिंकु ने पोस्ट को हटा दिया । पोस्ट हटाने के बाद भी, रिंकु जरियाल के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया ।

इस मामले में जब हमने रिंकु जरियाल से बात की तो उन्होंने बताया की मैंने बीजेपी  के चंदा उठाने को लेकर सवाल खड़े किये थे । जिसमें मैंने स्थानीय विधायक का भी नाम लिखा था । लेकिन थाने से फोन आने पर मैंने पोस्ट हटा दी थी । जब हमने सवाल किया कि फिर आप पर केस दर्ज क्यों किया गया तो रिंकु जरियाल ने बताया कि क्षेत्र में स्थानीय विधायक के खिलाफ मैं हमेशा अलग अलग मुद्दों पर मुखर रहता हूं । इसी का परिणाम है कि मुझ पर केस दर्ज किया गया है । इसमें स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है ।

महामारी के दौरान आपदा प्रबंधन अधिनियम या एपिडेमिक डिज़िज़ एक्ट 1897 के तहत प्रशासन कार्यवाई कर सकता है । लेकिन, इस मामले में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज कैसे हो सकता है । क्योंकि जिस शख्स को आरोपी बनाया गया है । उसने महामारी से जुड़ी कोई भ्रामक खबर शेयर नहीं की । न ही कोई ऐसा पोस्ट किया जिससे सामाजिक सदभाव खराब हो । रिंकु जरियाल ने महामारी के दौर में एक पार्टी के क्रियाकलाप पर सवाल खड़े किये । स्थानीय विधायक पर सवाल खड़े किये । फिर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस क्यों । अगर पोस्ट या उस पोस्ट से जुड़ी किसी बात से किसी व्यक्ति या संगठन को आपत्ति हो तो केस दर्ज करवाया जा सकता है । लेकिन, वो केस आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कैसे होगा ।