Follow Us:

डिप्टी सीएम और विधायक को मिली जान से मारने की धमकी, पुलिस सतर्क

डिप्टी सीएम और विधायक राकेश कालिया को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी
अमरीश राणा की गिरफ्तारी से जुड़ी पोस्ट पर दी गई धमकी, पुलिस ने दर्ज किया मामला
धमकी देने वालों के गैंगस्टर अमरीश राणा से संबंध की जांच में जुटी पुलिस



Death threat to Deputy CM Mukesh Agnihotri and MLA Rakesh Kalia: हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और गगरेट से कांग्रेस विधायक राकेश कालिया को जान से मारने की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। यह धमकी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये दी गई, जो कुख्यात गैंगस्टर अमरीश राणा की गिरफ्तारी से जुड़ी थी। पुलिस ने इस गंभीर मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए देर रात हरोली थाने में मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

शिकायतकर्ता अरुण कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 19 जून को किसी ने अमरीश राणा की गिरफ्तारी से संबंधित एक पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली थी। इस पर एक यूजर ‘दिलीप कुमार’ ने लिखा कि “दोबारा तलवार की मांग कर रही है पब्लिक।” इसके जवाब में ‘शार्प शूटर नबाईं वाला’ नामक यूजर ने लिखा – “इस बार किसी पॉलीटिशियन पर ही चलेगी।” जब एक अन्य यूजर रनदीप ठाकुर ने पूछा कि “किस जुर्म में?”, तो ‘शार्प शूटर नबाईं वाला’ ने जवाब दिया – “वो डिप्टी और विधायक राकेश कालिया ही जाने।” इस संवाद से मामला गंभीर हो गया और पुलिस को सूचना दी गई।

धमकी की यह बातचीत न केवल प्रदेश की राजनीति को झकझोरने वाली है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और विधायक राकेश कालिया दोनों ही ऊना जिले से ताल्लुक रखते हैं, जहां से यह धमकी दी गई है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या धमकी देने वालों का कुख्यात अपराधी अमरीश राणा से कोई संबंध है।

उल्लेखनीय है कि अमरीश राणा को करीब 25 साल की जेल के बाद हाल ही में रिहा किया गया था, लेकिन रिहाई के कुछ ही समय बाद वह माइनिंग विवाद में फंसकर दोबारा गिरफ्तार हो गया। सोशल मीडिया पर जिस पोस्ट से धमकी की शुरुआत हुई, वह भी उसकी गिरफ्तारी से संबंधित थी। इससे पुलिस को यह शक है कि धमकी देने वाला राणा से जुड़ा कोई व्यक्ति हो सकता है।

पुलिस अब सोशल मीडिया प्रोफाइल्स, आईपी एड्रेस और कॉल डिटेल्स के माध्यम से इस धमकी के स्रोत तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी बेहद संवेदनशील हो गया है और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग भी उठ रही है।