जयराम सरकार हिमाचल टेनैंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट की धारा-118 को सरल करने जा रही है। सरकार इस कानून के नियम में संशोधन करके विभिन्न विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की अनिवार्यता को खत्म कर सकती है। क्योंकि, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली बोर्ड और लोक निर्माण विभाग की एनओसी की जरूरत जमीन खरीदने के लिए नहीं होनी चाहिए। दावा किया जा रहा है कि जमीन खरीदने के लिए इन विभागों की एनओसी के कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
पूर्व वीरभद्र सरकार ने साल 2014 में हिमाचल टेनेंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट की धारा-118 के नियमों में संशोधन करके गैर-हिमाचली द्वारा जमीन खरीद के लिए सभी विभागों की एनओसी को अनिवार्य किया था।
इन नियमों में संशोधन के बाद जयराम सरकार सिंगल विंडो की मंजूरी पर ही जमीन देने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है तो हिमाचल में निवेश के इच्छुक लोगों को उक्त विभागों की एनओसी के अलावा डीसी ऑफिस और राजस्व अधिकारी के ऑफिस में चक्कर नहीं काटने होंगे।
क्या है धारा-118?
हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री एवं हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार ने हिमाचल टेनैंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट में धारा-118 का प्रावधान प्रदेश हितों को ध्यान में रखकर किया था। इसके तहत गैर-हिमाचली और गैर-कृषक राज्य में जमीन नहीं खरीद सकता लेकिन धारा-118 के तहत गैर-हिमाचली को बिजली प्रोजैक्ट, उद्योग और शिक्षण संस्थान इत्यादि के लिए जमीन दी जाती है।