जयराम सरकार को एक बार फिर 2 माह से भी कम अवधि के भीतर 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की जरूरत पड़ गई है। इससे पहले राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। विपक्ष में रहते हुए कर्ज लेने के लिए वीरभद्र सरकार को कोसने वाली बीजेपी ने सत्ता में आते ही कर्ज लेना शुरू कर दिया है। सरकार को एक बार फिर से 700 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की जरुरत पड़ गई है।
वर्तमान सरकार अब तक 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। इस तरह राज्य सरकार पर अब तक करीब 49,385 करोड़ रुपये कर्ज का बोझ हो चुका है। इससे पहले पूर्व कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश पर 46,385 करोड़ रुपये का कर्ज था।
गंभीर वित्तीय संकट को देखते हुए सरकार आय के नए विकल्प तलाशने में जुटी है। इसके तहत नई आबकारी नीति से साल 2018-19 के दौरान सरकारी खजाने को करीब 1550 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होने की संभावना है। हिमाचल में कर्ज के संकट को देखते हुए कैग ने भी चेताया है।