हिमाचल प्रदेश में अब निगमों-बोर्डो और सहकारी बैंकों में भर्तियां निजी स्तर पर नहीं हो पाएंगी। अब इन सभी महकमों में भर्तियां हिमाचल लोकसेवा आयोग के जरिए की जाएंगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा में हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग (अतिरिक्त कृत्य) विधेयक 2018 सदन में पेश किया। जिसे सदन ने पारित कर दिया। पारित विधेयक के राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बनते ही प्रदेश में मौजूद निगमों, बोर्डों और सहकारी बैंकों की भर्तियां राज्य लोकसेवा आयोग के दायरे में आ जाएंगी।
अब तक निगम, बोर्ड और बैंक अपने स्तर पर ही भर्तियां कर रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार विधेयक लाकर नई व्यवस्था करने जा रही है। विधेयक के तहत भर्तियों को टाइम बाउंड करने की योजना भी है। विधानसभा में पेश किए गए हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग विधेयक 2018 में स्पष्ट किया गया है कि इस बदलाव से राजकोष में कोई अतिरिक्त व्यय नहीं होगा।
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि बोर्ड निगमों में बहुत अरसे से अलग-अलग एजेंसियों से भर्तियों का काम दिया जाता था जहां उस पर प्रश्न चिन्ह लगते थे और कई जाँच के विषय बने हुए हैं। ऐसी परिस्थिति में पारदर्शिता को देखते हुए लोकसभा आयोग द्वारा भर्ती करवाने का ये फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग विधेयक 2018 में प्रदेश के परिवहन निगम , बिजली बोर्ड, स्कूल शिक्षा बोर्ड, तकनीकी शिक्षा बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, कौशल विकास निगम, पर्यटन निगम, वन निगम सभी सहकारी बैंक, हिमुडा, बाल कल्याण परिषद सहित 36 संस्थान इस कानून के दायरे में आएंगे।