हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पिंक पैटल चौक के ऊपर धरना प्रदर्शन किया गया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एक ऐसा विश्वविद्यालय है जहां हम गर्ल्स हॉस्टल की बात करें तो लड़कियों को 7:30 बजे हॉस्टल के अंदर बंद कर लिया जाता है और अगर हम बॉयज हॉस्टल की बात करें तो वहां पर लड़कों को 10:00 बजे बंद कर दिया जाता है। हम देश के दूसरे विश्वविद्यालयों की बात करें तो वहां पर इस तरह समस्याओं का सामना विद्यार्थियों को नहीं करना पड़ता है। हम बात करें पंजाब यूनिवर्सिटी की तो वहां पर जो भी हॉस्टल हैं उनको 24 घंटे खुला रखा जाता है।
हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के बॉयज छात्रावास में 10 बजे ताला लगा कर छात्रों को बंद कर दिया जाता है। अगर गर्ल्स छात्रावास की बात करें तो यहाँ पर 07:30 बजे ही ताला लगाकर अंदर छात्राओं को बंद कर दिया जाता है। बहुत सारे छात्र देर रात तक लाइब्रेरी में स्टडी करते है लेकिन हॉस्टल में ताला लग जाने के कारण उन्हें जल्दी हॉस्टल चले जाना पड़ता है जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एसएफ़आई ने मांग की है कि हॉस्टल में ताला लगाना बन्द होना चाहिए तथा छात्र-छात्राओं को अपनी इच्छानुसार आने जाने दिया जाए।
विश्विद्यालय के अंदर 24 घंटे लाइब्रेरी का प्रावधान किया गया है लेकिन वहां भी छात्राओं को 8 बजे ही बाहर निकालकर पढ़ाई करने से रोक दिया जाता है। एक और तो हमारी सरकार बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा देती है लेकिन दूसरी और लड़कियों को पढ़ाई से दूर करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। एस एफ़ आई ने मांग की है कि यह साफ तौर पर समानता के अधिकार का हनन है। छात्राओं को भी 24hrs लाइब्रेरी में पढ़ने दिया जाना चाहिए। उसके अलावा एस एफ़ आई ने मांग की है कि हॉस्टल में मेडिकल रूम व जिम को जल्द से जल्द शुरु किया जाए।
धरने को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष कामरेड अनुजा ने कहा यदि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द इन छात्र मांगो को पूरा नही किया तो आने वाले समय में एस एफ़ आई तमाम लड़कियों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय के अंदर एक उग्र आंदोलन करेगी और जिसका जिम्मेदार प्रशासन स्वयं होगा।