हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट आयी है। विश्वविद्यालय देश के टॉप 100 विश्वविद्यालय में इस साल भी अपना स्थान नहीं बना पाया है। देशभर की टॉप यूनिवर्सिटी की सूची में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पिछले साल के मुकाबले 50 स्थान पीछे खिसक गई है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से करवाई गई नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में प्रदेश विवि को 171वां रैंक मिला है। इससे पहले एचपीयू का 121वां रैंक था। एचपीयू के देश भर की रैंकिंग में पिछड़ने पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने विवि प्रशासन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें विवि प्रशासन से रैंकिंग में पिछड़ने के कारणों के बारे में बताने को कहा गया है। गौरतलब है कि एचपीयू ए ग्रेड यूनिविर्सिटी है बावजूद इसके विवि रैंकिंग गिरी है।
दूसरी ओर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से करवाई गई नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) 2018 में देश के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में डॉ. वाइएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी नौणी को शामिल किया गया है। नौणी विश्वविद्यालय को 71वां स्थान पर मिला है। हिमाचल से नौणी एकमात्र संस्थान है, जो देश के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में जगह बना पाया है।
देश के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग को लेकर पांच मानक तय किए गए थे। इनमें टीचिंग, लर्निंग और रिसोर्सेज के 100 अंक, रिसर्च और प्रोफेशनल प्रेक्टिस के 100 अंक, ग्रेजुएशन आउटकम के 100 अंक, आउटरीच और इनक्लूसिविटि के 100 अंक और प्रीसेप्शन के 100 अंक रखे गए थे। प्रदेश विवि इन सभी मानकों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर पाया है। यही कारण है कि प्रदेश विवि का स्थान पहले के मुकाबले और नीचे खिसक गया है।