एक तरफ ओवरलोडिंग के चलते होने वाले हादसों ने प्रदेश की जनता को झकझोर के रख दिया है। वहीं, दूसरी तरफ ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है जिस कारण बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को नहीं बिठाया जा रहा और न ही उनके लिए अतिरिक्त बसों का प्रबंध किया जा रहा है। जिस कारण दोनों ही सूरत में इसका खामियाजा भोली भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है । लेकिन इन सब के बीच कुछ बस चालक अपनी मनमानी करते हुए भी जनता को परेसान कर रहे हैं । ऐसा ही एक मामला मंगलवार सुबह सामने आया जब कुछ सवारियां बैजनाथ से लुधियाना चलने वाली बस का इंतजार पालमपुर बस अड्डे पर करती रहीं और बस चालक बस को बिना अड्डे पर लाए बाहर से ही ले गया । हालांकि बस में सवारियों के लिए कई सीटें खाली थीं।
एचआरटीसी की इस मनमानी का शिकार हुए व्यक्ति ने बताया कि उनके बच्चों ने लुधियाना में एडमिशन लेने के लिए जाना था और वह सुबह 6:00 बजे से ही पालमपुर बस अड्डे पर बस का इंतजार कर रहे थे । इस दौरान पालमपुर अड्डा पर इन्चार्ज से उन्होंने कम से कम दस बार पूछा तो उन्हें बताया गया कि बस लेट है। जब लगभग 7-30 बजे एक बार फिर बस बारे पूछने पर उन्होंने बताया कि बस चली गई है। जब इंचार्ज से बस के कांउटर पर नहीं आने के बारे में पूछा तो अन्य 3-4 बसों के कंडक्टर इकटठे हो कर उन्हें डराने लगे । किसी तरह टैक्सी लेकर उन्होंने बस को 53 मील के पास पकड़ा और बस चालक से बस अड्डे के काउंटर पर नहीं लाने का कारण पूछा तो चालक और कंडक्टर दोनों लड़ाई झगड़ा करने लगे और कहने लगे कि वह उनके नौकर नहीं हैं ।
बात बढ़ती देख उनके बच्चे घबरा गए और उन्होंने उस बस में जाने से मना कर दिया। जिस कारण बच्चों को कांगड़ा जाकर पंजाब रोड़वेज की वस में भेजना पड़ा । उन्होंने HRTC महाप्रबंधक शिमला को उक्त बैजनाथ डिपो की बस के चालक – परिचालक की शिकायत की है । उन्होंने मुख्यमन्त्री , परिवहन मन्त्री और परिवहन विभाग के प्रवंधक से प्रार्थना है कि ऐसे लापरवाह कर्मचारियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी गलती न दोहराए जिस कारण किसी गरीब आदमी को परेशानी का सामना न करना पड़े।