एचआरटीसी घाटे में चल रहे अपने और रूटों को लेकर समीक्षा कर रहा है। सोमवार को निगम ने अपने डिपुओं की समीक्षा की और देखा कि कौन सा डिपो घाटे में है। यह समीक्षा इसलिए करवाई गई, ताकि सरकार को घाटे के कारणों पर दी जाने वाली रिपोर्ट में इसका जिक्र किया जाए।
एचआरटीसी 20 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसमें घाटे के कई कारणों का जिक्र होगा। इसके साथ रूट सरेंडर करने का मामला भी उठाया जाएगा। रूट सरेंडर करने के मामले में लगातार समीक्षा हो रही है। एचआरटीसी प्रबंधन का साफ कहना है कि जो रूट घाटे में है उसे वह नहीं चलाएगा क्योंकि इस तरह से घाटा बढ़ रहा है।
निगम की वित्तीय हालत बेहद ज्यादा खराब हो चुकी है और ऐसी स्थिति में सही तरह से एचआरटीसी को चलाए जाना कठिन है। हाल ही में सरकार ने इसपर पूरी रिपोर्ट मांगी है, जिसमें घाटे के कारण बताए जाएंगे। इसमें इन सभी रूटों की पूरी डिटेल होगी और बताया जाएगा कि आखिर वहां पर घाटे का कारण क्या है। सभी डिपुओं में अधिकारियों को निगम ने कहा हुआ है कि वह अपनी-अपनी रिपोर्ट दें क्योंकि पिछले कल जो कमाई के आंकड़ों की रिपोर्ट आई है उसमें केलांग डिपो को अव्वल बताया है।
इसके अलावा माइनस में चल रहे कई डिपुओं का जिक्र किया है , जिनके अधिकारियों से जवाब-तलबी भी की गई है। उनके जवाब मिलने के साथ अधिकारियों की रिपोर्ट में कुछ और तथ्य भी जुड़ सकेंगे। यह सभी प्रयास निगम की स्थिति को ठीक करने के लिए किए जा रहे हैं, जो कितने ज्यादा फलीभूत होते हैं यह सरकार पर निर्भर करता है। पहले निगम ने 108 रूटों को सरेंडर किया है, जिसके बाद अब 258 रूटों की समीक्षा हो रही है