शिमला में एचआरटीसी के पेंशनरों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन का आगाज कर दिया है। एचआरटीसी पेंशनरों का आरोप है कि बीते कुछ सालों से उनकी पेंशन का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है। जिसके चलते पेंशनर के हालात बहुत खराब हैं और नौबत भूख मरी तक पहुंच गई है। 2013 के बाद लगातार पेंशन अदायगी में लगातार देरी हो रही है। निगम पेंशन देने की कोई एक तारीख तय नहीं कर पाया है।
एचआरटीसी सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि एचआरटीसी पेंशनर अपनी मांगो को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं। और अगर अब भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो पेंशनर सचिवालय घेराव, भूख हड़ताल, आमरण अनशन और आत्म दाह करने से पीछे नहीं हटेंगे।
एचआरटीसी सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन ने कहा कि एचआरटीसी पेंशनर के मेडिकल बिल दो-दो सालों से कार्यालयों में लंबित पड़े हैं। प्रदेश में एचआरटीसी के लगभग 6 हजार पेंशनर है। एचआरटीसी पेंशनरों का डीए जुलाई 2015 से रीवाईव नहीं हुआ है। जिसको लेकर अब एचआरटीसी सेवानिवृत कर्मचारी धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। हालांकि परिवहन मंत्री ने पेंशनरों की मांगों पर गौर करने की बात कही थी। लेकिन पेंशनरों का कहना है कि अभी तक उन्हें इस बारे में किसी वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है मंत्री केवल मीडिया में ही बयानबाजी कर रहे हैं।