हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ ने HRTC द्वारा गुपचुप तरीके से किराया बढ़ाने को लेकर जारी अधिसूचना का विरोध किया है। निजी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि HRTC के जिन भी अधिकारियों ने यह अधिसूचना जारी की है उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ पूरा देश कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से गुजर रहा है दूसरी तरफ एचआरटीसी ने अपने तुगलकी फरमान जारी करके गैर कानूनी तरीके से ही किराए में 3 से 4 गुणा बढ़ोतरी की है । इस तरह का गैरकानूनी कार्य करने वाले अधिकारियों को तुरंत निलंबित करना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर कई दिनों से किराए में बढ़ोतरी की मांग कर रही है, लेकिन उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। लेकिन इसी बीच एचआरटीसी ने गुपचुप तरीके से तीन से चार गुना किराए में बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान के अंदर के एकमात्र राज्य हिमाचल प्रदेश है जहां पर मिनिमम किराया सबसे कम है जबकि बाकी राज्य में न्यूनतम किराया 10 रुपये है।
संघ के अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि जिलाधिश ने रेलवे स्टेशन से प्रवासी लोगों को लाने और छोड़ने के लिए एचआरटीसी की बसें प्रयोग की जा रही हैं। जबकि एचआरटीसी को सरकार द्वारा 55 करोड़ रुपए की ग्रांट दी गई है। सरकार द्वारा ग्रांट भी हिमाचल परिवहन निगम को दी जा रही है और जिलाधीश द्वारा एचआरटीसी की गाड़ियां अधिकृत की जा रही हैं। लेकिन निजी बस ऑपरेटर को कोई काम नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि सरकार हिमाचल प्रदेश की निजी बस ऑपरेटरों से सौतेला व्यवहार कर रही है जिसे किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा।