सचिवालय के बाहर प्रदर्शन के बाद मांगें पूरी न होने पर शनिवार को अब ट्रेनी कंडक्टरों ने अब विधानसभा के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। प्रशिक्षित परिचालक संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह अपनी जान दे देंगे। परिचालकों ने अपने लिए ठोस नीति की मांग कर रहे हैं।
बीते सोमवार से इन परिचालकों ने पूरे प्रदेश में काम ठप्प रखा हुआ है। इस वजह से अधिकांश रूट प्रभावित हुए और इसका खामियाजा लोगों को झेलना पड़ा। पूरे प्रदेश में कौशल विकास योजना के तहत दो हजार के करीब परिचालक निगम की बसों में सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण के नाम पर निगम प्रबंधन ने बेरोजगारों का शोषण किया है।
विधानसभा परिसर के बाहर बेरोजगार प्रशिक्षित परिचालक संघर्ष समिति के सचिव राज कुमार ने बताया कि नियमितीकरण की मांग को लेकर परिचालक कार्मिक अनशन के बाद आमरण अनशनकर रहे हैं। ये आमरण अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार प्रशिक्षित परिचालकों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना देती। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी प्रशिक्षित परिचालकों को एक नीति के तहत नियमित किया गया है और हिमाचल सरकार को भी ऐसी नीति बनानी चाहिए।