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स्कूल न खुलने से अभिभावकों और निजी स्कूल संचालकों में भारी रोष, सरकार को भेजा ज्ञापन

पी.चंद |

कोरोना के चलते प्रदेश में लंबे समय से स्कूल बंद पड़े हैं। सरकार ने 21 सितंबर तक स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है। हालांकि इस दौरान बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी है। सरकार का कहना है कि प्रदेश में कोरोना के मामले घटने के बाद ही स्कूलों को खोलने पर फैसला लिया जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ स्कूल न खुलने से अभिभावकों और निजी स्कूल संचालकों का अब सरकार के खिलाफ गुस्सा फूटने लगा है।

अभिभावकों और निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द स्कूलों को खोलने पर फैसला न लिया तो हम धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे। इसी को लेकर गुरुवार को फतेहपुर में अभिभावकों और निजी स्कूल संचालकों ने शिवसेना के बैनर तले नायब तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन भेजा और सरकार से जल्द स्कूलों को खोलने की मांग उठाई। शिवसेना हिंद के प्रदेश अध्यक्ष रमेश दत्त कालिया, अभिभावकों और स्कूल स्टाफ ने ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी है शीघ्र ही स्कूलों को खोला जाए । साथ ही उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर दस दिन के अंदर स्कूल नहीं खोले तो फतेहपुर तहसील के प्रांगण में धरना प्रदर्शन किया जाएगा ।

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल न खुलने से बच्चों का जीवन अंधकारमय हो गया है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में बच्चे कुछ बनने के बजाए अनपढ़ ही रह जाएंगे । अब तो हमें अपने बच्चों के भविष्य की भी चिंता सताने लगी है। क्योंकि ऑनलाइन के नाम पर बच्चे पढ़ने की बजाय मस्ती करने और गेम खेलने के शौकीन बन चूके हैं।

वहीं, निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि आज निजी स्कूलों के हालात बद से बदतर हो चूके हैं। स्कूल बसें खड़ी खड़ी कबाड़ बन रही हैं जबकि उनपर टैक्स का भूगतान निरंतर जारी है । स्कूल भवन खंडहर बनने लगे हैं । अब स्कूल में बच्चे ही नहीं आ रहे हैं जिस कारण अध्यपकों को भी सैलरी नहीं मिल रही है। स्कूल प्रबंधकों के साथ साथ स्कूल स्टाफ के परिवारों को भी भूखे मरने की नौबत आ गई है ।