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मेजर दीक्षांत थापा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन, नम आंखों से विदाई देने पहुंचे सैकड़ों लोग

मृत्युंजय पुरी |

हिमाचल का एक और जवान लद्दाख में शहीद हो गया मेजर दीक्षांत थापा कांगड़ा जिला के इंदौरा तहसील के अंतर्गत कन्दरोड़ी के बाड़ी गांव के रहने वाले थे और आज कल इनकी ड्यूटी लद्दाख में लगी हुई थी।

मेजर दीक्षांत थापा का पार्थिव शरीर आज जब सैन्य और राजकीय सम्मान समेत उनके पैतृक गांव बाड़ी पहुंचा तो समूचा क्षेत्र भारत माता की जय और मेजर दीक्षांत थापा अमर रहे के नारों से गूंज उठा। मेजर दीक्षांत थापा सेना के मेकेनिकल विंग 6 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री की 140 रेजीमेंट में थे और वर्तमान में लद्दाख के लेह में तैनात थे।  बीते रविवार जब वह सैन्य टैंक को सिविल गाड़ी में लोड कर रहे थे तो हादसे में उनकी मौत हो गई थी मेजर थापा अभी महज 26 साल के ही थे।

उनकी माता गृहिणी है पिता सेना के मैकनाइज इन्फेंट्री से सेवानिवृत्त हैं जबकि छोटा भाई अभी पढ़ाई कर रहा है। मेजर थापा चार साल पहले ही कमीशन पास करके कैप्टन बने थे। आज शहीद की पार्थिव देह को पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन कर दिया है। 

मौके पर पहुंचे सेना के अधिकारियों की मानें तो लद्दाख की गलवान घाटी में वेपन की लोडिंग में हुई एक दुर्घटना के चलते उनकी मौत हुई है बताया जा रहा है कि एक सिविल ट्रक मिलिट्री ट्रेलर के साथ टकरा गया। इसके चलते इन्फेंट्री फाइटिंग व्हीकल उनके ऊपर गिर गया और मेजर की मौके पर ही मौत हो गई थी।