जैसे जैसे शहरीकरण बढ रहा है और जमीन कम हो रही है. इसलिए हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग को बढावा देने के उद्देश्य से स्वाहल गांव में आधुनिक तरीके से खेतीबाडी करने में जुटे किसान ने सभी को हैरान कर दिया है. हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग के माध्यम से स्वाहल गांव के किसान सुभाष सिंह ने पालीहाउस में महंगी सब्जी उगाई है. जिसे केवल पानी के माध्यम से ही तैयार किया जा रहा है.
वहीं, हिमुथान सोसाइटी के सहयोग से हो रहे काम के चलते तकनीक से पानी के संरक्षण को बढावा मिल रहा है. तो पीएम मोदी के किसानों की आय को दोगुणा करने के प्रयास को साकार करने के लिए हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग का प्रशिक्षण देकर किसानों केा फायदा पहुंचाया जा रहा है.
किसान सुभाष सिंह ने बताया कि पाली हाउस में केवल पानी के जरिए ही खेतीबाडी जा रही है और इसके लिए उतराखंड में प्रशिक्षण भी लिया है जिसके चलते अब बढिया ढंग से खेती की जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस फसल से अच्छी पैदावार होने वाली है. उन्होंने बताया कि फसल की देखभाल के लिए हाईटेक तरीका है और टाइमर फिक्स किया गया है. उन्होंने बाकी किसानों को भी इस तरह की खेती के लिए प्रेरित किया है.
हिमुथान सोसाइटी के कृषि विशेषज्ञ रणदीप सिंह ने बताया कि समग्र ग्रामीण परियोजना के तहत सुजानपुर के 12 गांवों में और 8 गांव नादौन ब्लाक में आधुनिक खेती के लिए किसानों के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सोसाइटी के द्वारा पशुपालन, शिक्षा, कृषि संबंधी इत्यादि गतिविधियों को लेकर काम किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि स्वाहल गांव में बीते साल पालीहाउस में हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग शुरू की है. जिससे अच्छे परिणाम सामने आए है. उन्होंने बताया कि जैसे जैसे शहरीकरण बढ रहा है और जमीन कम हो रही है. इसलिए हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग को बढावा देने के उद्देश्य से स्वाहल गांव में फसल तैयार की जा रही है.
रणदीप सिंह ने बताया कि इससे पहले एग्जोस्टिक वैजीटेबल लगाने का काम कुल्लू मनाली जैसे ठंडे इलाकों में ही हो रहा था. लेकिन अब महंगी सब्जियों की पैदावार हमीरपुर जैसे गर्म क्षेत्रों में ही होने लगी है. पीएम मोदी के किसानों की आय को दोगुणा करने के प्रयास को साकार करने के लिए हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जिससे किसानों को ज्यादा फायदा हो सके. एक लाख तीस हजार रूपये की लागत से हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग का ढांचा तैयार किया जाता है और पौधे लगाने के लिए अलग से खर्च करना पडता है.
देहरादून से आए हुए विशेषज्ञ गणेश विष्ट ने बताया कि पिछले साल साल से हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग का काम कर रहे है और इस क्षेत्र में शहरी इलाकों में जगह कम होने पर कैसे खेती करें इस पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हाइड्रोपोनिक्स फार्मिग के बाद बाजार में उत्पादों को बेचने के लिए भी मदद करने के लिए काम किया जा रहा है. उन्होने बताया कि हमीरपुर में पहली बार पांच सौ पौधों का प्लांट लगाया है. जिसमें लैटुएस को उगाया गया है.
Himachal snowfall forecast: हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) के सक्रिय होने का पूर्वानुमान…
Rohru road accident: शिमला जिले के रोहड़ू में बीती शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा…
Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त के बिना किसी भी शुभ कार्य की…
Daily horoscope 2024 : चंद्रमा की गणना और सटीक खगोलीय विश्लेषण के आधार पर शनिवार का…
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…
High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…