सिविल अस्पताल, रामपुर में मूलभूत उपकरणों और सुविधाओं की कमी तो है ही पर अगर यहां आग लग जाए तो उससे बचने का प्रबंधन भी ना के ही बराबर है। ये ख़ुलासा अस्पताल की फ़ायर ऑडिट रिपोर्ट में किया गया है। ऑडिट कमेटी की अध्यक्षा एडीसी शिमला किरण बंदना ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अग्नि प्रबंधन पर कोई काम नहीं हुआ है। और तो और नोडल अधिकारी को भी इस बारे में कोई ज्ञान नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक़ आग लगने पर अस्पताल से लोगों को निकालने के ना ही कोई प्रबंध है और ना ही आग को क़ाबू करने के लिए फ़ायर फ़ाइटिंग सिस्टम।
अस्पताल ने लापरवाही करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। हद से ज़ायद ज्वलनशील ऑक्सीजन सिलेंडर भी बिना किसी पुख़्ता रख-रखाव के रखे गए हैं। ऊपर से बिजली के यंत्रों की किसी इंजीनियर से नियमित समय पर निरीक्षण भी नहीं करवाया जा रहा है। चौंकाने वाली बात ये है कि इसे कोविड अस्पताल के रूप में तबदील किया है।
सीटी स्कैन, एक्स-रे मशीन ख़राब
पिछले 6 महीनों से अधिक समय से अस्पताल की एक्स-रे मशीन ख़राब पड़ी हुई है। हाल ही में सीटी स्कैन की मशीन भी ख़राब हो चुकी है। अस्पताल प्रशासन की रोगी कल्याण समिति के पास 10 लाख का बजट अभी शेष है।