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कांग्रेस सत्ता में आई तो पहली नौकरी की गारंटी पक्की: आनंद शर्मा

कांग्रेस सत्ता में आई तो पहली नौकरी की गारंटी पक्की: आनंद शर्मा

पीएम मोदी का हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा निकला जुमला

कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व उद्योग, वाणिज्य एवं कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने कांग्रेस पार्टी की देश के युवाओं के लिए प्रस्तावित युवा न्याय गारंटी को देश के भविष्य के लिए एक गेमचंजर योजना करार दिया है। यहां इस गारंटी पर चर्चा करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी चरमसीमा पर पहुंच चुकी है। हालांकि सरकारी आंकड़े बरोजगारी की दर साढ़े 12 फीसदी बताते हैं, मगर उनके अनुमान के अनुसार देश में बेरोजगारी दर साढ़े 16 से 17 फीसदी के स्तर पर है।

उन्होंने रोजगार गारंटी योजना के बारे में बातया कि कांग्रेस प्रशिक्षु (अप्रेंटिस) एक्ट, 1961 को हटाकर प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) अधिकार अधिनियम लाएगी। यह कानून 25 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या कॉलेज स्नातक के लिए, निजी एवं सरकारी क्षेत्र की कंपनी में एक साल का प्रशिक्षुता कार्यक्रम प्रदान करेगा।

इस कानून के तहत, हर प्रशिक्षु को एक लाख रुपए प्रति वर्ष का मानदेय दिया जायेगा, जो नियोक्ता कंपनी और सरकार द्वारा समान रूप से वहन किया जाएगा। ये कानून युवाओं को कौशल प्रदान करेगा, रोजगार क्षमता बढ़ाएगा और करोड़ों युवाओं को नौकरी के अवसर प्रदान करेगा। कांग्रेस नौकरी परीक्षाओं के लिए पेपर लीक (प्रश्न पत्र लीक) होने के मामलों का निपटारा करने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतों का गठन करेगी और पीड़ितों को आर्थिक मुआवजा प्रदान करेगी।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकारी स्कूलों में विभिन्न प्रयोजनों के लिए विशेष शुल्क लेने की प्रथा को समाप्त करेगी। निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली स्कूल फीस में अधिक समानता, सामर्थ्य और पारदर्शिता के लिए, कांग्रेस राज्य सरकारों को शुल्क विनियमन समितियों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करेगी। कांग्रेस उन आवेदकों (आकांक्षियों) को एक बार कि राहत देगी, जो महामारी के समय 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के दौरान सरकारी परीक्षा देने में असमर्थ रहे। कांग्रेस सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क समाप्त करेगी। शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के सभी छात्रों के पास मोबाइल फोन सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, मगर वे चुनाव प्रचार के दौरान देश के युवाओं के इस सवाल का जवाब देने से बच रहे हैं कि क्या उन्होंने अपने दस साल के कार्यकाल के दौरान 20 करोड़ बेरोजगारों को नौकरी मुहैया करवाई है। यहां तक कि आज केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में ही करीब 30 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। यहीं हाल भाजपा शासित राज्यों का है।

आनंद शर्मा ने कहा कि जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा का शासन था तो सरकारी नौकरियां सरेआम बेची जा रही थीं और तत्कालीन मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र बने सत्ता सुख भोग रहे थे। उन्होने कहा कि जब मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी तो हमीरपुर स्थित चयन आयोग में की गई भर्तियों के प्रश्नपत्रों को बेचे जाने का भंडाफोड़ हुआ। जांच हुई तो कई भर्तियां सवालों के घेरे में आई और आरोपी जेल भेजे गए। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू ने हि.प्र. अधिनस्थ चयन आयोग को भंग करके अब नए सिरे से हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग का गठन किया है और पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रकिया शुरू कर दी गई है, आने वाले समय में हिमाचल के योग्य युवाओं का पारदर्शी भर्ती व्यवस्था के तहत सरकारी नौकरी में जाने का सपना पूरा होगा। प्रेस नोट: 19 मई, 2024

कांग्रेस सत्ता में आई तो पहली नौकरी की गारंटी पक्की: आनंद शर्मा

पीएम मोदी का हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा निकला जुमला
धर्मशाला(कांगड़ा)। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व उद्योग, वाणिज्य एवं कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने कांग्रेस पार्टी की देश के युवाओं के लिए प्रस्तावित युवा न्याय गारंटी को देश के भविष्य के लिए एक गेमचंजर योजना करार दिया है। यहां इस गारंटी पर चर्चा करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी चरमसीमा पर पहुंच चुकी है। हालांकि सरकारी आंकड़े बरोजगारी की दर साढ़े 12 फीसदी बताते हैं, मगर उनके अनुमान के अनुसार देश में बेरोजगारी दर साढ़े 16 से 17 फीसदी के स्तर पर है।

उन्होंने रोजगार गारंटी योजना के बारे में बातया कि कांग्रेस प्रशिक्षु (अप्रेंटिस) एक्ट, 1961 को हटाकर प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) अधिकार अधिनियम लाएगी। यह कानून 25 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या कॉलेज स्नातक के लिए, निजी एवं सरकारी क्षेत्र की कंपनी में एक साल का प्रशिक्षुता कार्यक्रम प्रदान करेगा।

इस कानून के तहत, हर प्रशिक्षु को एक लाख रुपए प्रति वर्ष का मानदेय दिया जायेगा, जो नियोक्ता कंपनी और सरकार द्वारा समान रूप से वहन किया जाएगा। ये कानून युवाओं को कौशल प्रदान करेगा, रोजगार क्षमता बढ़ाएगा और करोड़ों युवाओं को नौकरी के अवसर प्रदान करेगा। कांग्रेस नौकरी परीक्षाओं के लिए पेपर लीक (प्रश्न पत्र लीक) होने के मामलों का निपटारा करने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतों का गठन करेगी और पीड़ितों को आर्थिक मुआवजा प्रदान करेगी।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकारी स्कूलों में विभिन्न प्रयोजनों के लिए विशेष शुल्क लेने की प्रथा को समाप्त करेगी। निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली स्कूल फीस में अधिक समानता, सामर्थ्य और पारदर्शिता के लिए, कांग्रेस राज्य सरकारों को शुल्क विनियमन समितियों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करेगी। कांग्रेस उन आवेदकों (आकांक्षियों) को एक बार कि राहत देगी, जो महामारी के समय 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के दौरान सरकारी परीक्षा देने में असमर्थ रहे। कांग्रेस सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क समाप्त करेगी। शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के सभी छात्रों के पास मोबाइल फोन सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, मगर वे चुनाव प्रचार के दौरान देश के युवाओं के इस सवाल का जवाब देने से बच रहे हैं कि क्या उन्होंने अपने दस साल के कार्यकाल के दौरान 20 करोड़ बेरोजगारों को नौकरी मुहैया करवाई है। यहां तक कि आज केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में ही करीब 30 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं।

यहीं हाल भाजपा शासित राज्यों का है। आनंद शर्मा ने कहा कि जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा का शासन था तो सरकारी नौकरियां सरेआम बेची जा रही थीं और तत्कालीन मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र बने सत्ता सुख भोग रहे थे। उन्होने कहा कि जब मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी तो हमीरपुर स्थित चयन आयोग में की गई भर्तियों के प्रश्नपत्रों को बेचे जाने का भंडाफोड़ हुआ। जांच हुई तो कई भर्तियां सवालों के घेरे में आई और आरोपी जेल भेजे गए।

उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू ने हि.प्र. अधिनस्थ चयन आयोग को भंग करके अब नए सिरे से हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग का गठन किया है और पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रकिया शुरू कर दी गई है, आने वाले समय में हिमाचल के योग्य युवाओं का पारदर्शी भर्ती व्यवस्था के तहत सरकारी नौकरी में जाने का सपना पूरा होगा।

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