मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को पंचायत प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण को रोकने और संक्रमितों को बचाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयास कर रही है। इस बार का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है और मृत्यु दर भी काफी अधिक है। अब संक्रमण शहरों से गांवों तक पहुंच गया है। हिमाचल में अभी तक 1990 के करीब लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। फरवरी महीने में मौत का आंकड़ा सिर्फ 950 था जो अब बढ़कर 1990 हो गया है। वहीं, एक्टिव केस का आंकड़ा 36 हजार पहुंच गया है। अस्पतालों में हमारे पास जो सुविधा से उसे और बढ़ाना पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है। सरकार मजबूती के साथ इस संक्रमण से लड़ रही है। केंद्र का पूरा सहयोग हिमाचल को मिल रहा है। पंचायत प्रतिनिधि भी कोरोना संक्रमितों की पूरी सहायता कर रहे हैं, जो एक खुशी की बात है। ऐसा देखने को मिल रहा है कि यदि किसी कोरोना संक्रमित की घर में मौत हो जाती है तो कोरोना के डर से कोई उसके अंतिम संस्कार को आगे नहीं आ रहा। इसलिए हम प्रयास कर रहे हैं कि आने वाले समय में ब्लॉक स्तर पर पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधियों को पीपीई किट मुहैया करवाई जाएंगी ताकि किट को पहनकर सुरक्षा के साथ मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जो यदि किसी होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ती है तो पंचायत प्रतिनिधी उनको एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था करें। यदि समय पर एंबुलेंस नहीं मिलती तो पंचायत प्रतिनिधी निजी वाहनों में पीपीकिट के माध्यम से मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था कर सकते हैं। सरकार ये प्रयास कर रही है कि कोरोना संक्रमित परिवारों को एक किट मुहैया करवाई जाए जिसमें दवाई से लेकर सुरक्षा के सभी उपकरण होंगे।
बाहर से जो लोग हिमाचल में आ रहे हैं। घर आने के बाद वे गांव और सार्वजनिक जगहों में घूम रहे हैं। ऐसे में उनके संपर्क में आने से बहुत से लोग संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे इन लोगों पर नजर रखें ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। पंचायत प्रतिनिधियों को ये जानकारी होनी चाहिए होने चाहिए की उनकी पंचायत में कौन बाहर से आ रहा है और कौन जा रहा है।
बढ़ते रहेंगे मामले तो बढ़ेगा कोरोना कर्फ्यू
मुख्यमंत्री ने का कि कुछ जगह देखने को आया है कि पंचायत प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से नहीं निभा रहे हैं। मनाही के बाद कई पंचायतों में शादियों में धाम के आयोजन हो रहे हैं जिस कारण भारी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। सरकार को मजबूरी में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। अगर हालात ऐसे ही बिगड़ते रहे तो कर्फ्यू को और अधिक बढ़ाया जा सकता है। अभी सिर्फ 17 मई तक कर्फ्यू लगाया गया है लेकिन इसे और बढ़ाए जाने की पूरी संभावना बनी हुई है। जब तक एक्टिव केस आने कम नहीं हो जाते हम इसी तरह से सख्ती जारी रखेंगे। हालांकि इस तरह की सख्ती से प्रदेश को जरूर नुकसान हो रहा है लेकिन लोगों की जिंगदी बचाने के लिए हमें इस तरह के फैसले लेने पड़ रहे हैं। इसलिए लोगों से आग्रह है कि नियमों का पालन करें ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।