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मंड़ीः दो माह में सुधार नहीं हुआ तो शुरू होगा जन आंदोलन

नवनीत बत्ता |

जिला मंड़ी के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में लोकतंत्र के बजाये कायम हुए परिवार राज और तानाशाही के ख़िलाफ़ आज न्याय मंच ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन की शुरुआत कर दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी औऱ मुख्यमंत्री जय राम  ठाकुर को एसडीएम के माध्यम से मांगपत्र भेजे। जिसका नेतृत्व मंच के मुख्य सलाहकार और ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह सयोंजक गंगा राम ठाकुर कई लोगों ने किया जिसमें दर्जनों लोगों ने भाग लिया।

गौरतलब है कि धर्मपुर न्याय मंच का गठन धर्मपुर में सितंबर माह में किया गया था और उसके बाद पांच तहसील स्तरीय समेलन करके कमेटियों का गठन करने के बाद आज दस सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन सौंपा गया। इससे पहले बस स्टैंड पर सम्मेलन का आयेजन किया गया जिसमें सभी पांच तहसीलों के सैंकड़ों सदस्यों ने भाग लिया।जिसके माध्यम से यह चिंता व्यक्त की गई है कि पिछले दो साल से धर्मपुर में लोकतंत्र के बजाय परिवार राज और तानाशाही कायम हो गई है। जिस पर तुरन्त रोक लगाई जाए। विभागों की कार्यप्रणाली पारदर्शी तरीके से न्याय आधारित तौर तरीकों से संचालित की जाए। राजनीतिक आधार पर भेदभावपूर्ण कर्यप्रणाली पर रोक लगाई जाए। आईपीएच और लोकनिर्माण विभागों में टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की भी मांग की गई और आईपीएच विभाग में गुप-चुप तरीके से की गई भर्तियों की जांच की जाए। कांढापतन अवाहदेवी पेयजल स्कीम में डाली गई पाईप लाईन में बरती गई अनियमत्ताओं कि जांच की भी मांग की गई है।सभी क्षेत्रों का एक समान विकास किया जाए और पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के अधिकारों को सरंक्षण किया जाये।

मंच ने आरोप लगाया है कि धर्मपुर में मंत्री का बेटा और बेटी अनाधिकारिक तौर पर सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे ही सरकारी कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि बनाये जाते हैं जबकि वे किसी सरकारी औहदे पर नहीं बल्कि पार्टी के पदाधिकारी हैं। मुख्यमंत्री गृहणी योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर वितरण और राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से मनरेगा मजदूरों को भी वितरण मंत्री के बजाए उनका बेटा और बेटी ही करती है। जिस पर तुरन्त रोक लगाने की मंच ने मांग की है। इस बारे आज यह भी निर्णय लिया गया कि मंच अब इन मुद्दों को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी उठाएगा और सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि इस कर्यप्रणाली पर दो माह के अंदर रोक नहीं लगाई गई तो मंच आने वाले दिनों में सड़क पर उत्तर कर आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होगा।