प्रदेश के दो बड़े मेडिकल कॉलेजों आईजीएमसी शिमला और टांडा में प्रदेश सरकार खुद बड़े ऑपरेशनों का सामान उपलब्ध करावाने की व्यवस्था करने जा रही है। हार्ट से जुड़े या अन्य बड़े ऑपरेशनों का ये सामान और दवाइयां बाजार से 30 फीसदी कम दामों पर मिलेंगी।
प्रदेश सरकार ने इन दोनों अस्पतालों में एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। कॉलेज प्रधानाचार्य, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ डॉक्टरों की ये कमेटी बड़े ऑपरेशनों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों और सामान की लिस्ट तैयार करेगी।
इसके बाद प्रदेश सरकार सिविल सप्लाई की दवा दुकानों में बड़े ऑपरेशनों का पूरा सामान उपलब्ध कराएगी। सरकार यह व्यवस्था मरीजों को निजी दवा दुकानों में लूट खसोट से बचाने के लिए कर रही है। योजना सफल रही तो अन्य मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों में भी यह व्यवस्था लागू की जा सकती है।
हिमाचल में अभी सिविल सप्लाई की दवा दुकानों में ऑपरेशन का सारा सामान नहीं मिलता है। ऐसे में लोगों को प्राइवेट केमिस्टों से महंगे दामों पर ऑपरेशन का सामान और दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। इन दुकानों में दवाओं के नाम पर लूट-खसोट की शिकायतें भी सरकार को मिली हैं।
कई बार डॉक्टर भी ऑपरेशन के लिए अनावश्यक सामान लिख देते हैं। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने यह व्यवस्था बनाने का फैसला लिया है। नई व्यवस्था में बड़े ऑपरेशन की सूरत में पूरा सामान अस्पताल प्रशासन सस्ती दरों पर ओटी में पहुंचाएगा।
वहीं मरीजों को उचित मूल्य में ऑपरेशन का सामान मिलेगा। इससे केमिस्टों और जेनेरिक दवाइयां न लिखने वाले डॉक्टरों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा।