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वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा से IGMC के डॉक्टरों को कोर्ट के चक्करों से मिला छुटकार

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में कोर्ट एविडेंस के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा शुरू की गई है। इस सुविधा से न केवल डॉक्टरों को कोर्ट के चक्कर लगाने से छुटकार मिला है बल्कि प्रदेश सरकार के करोड़ों रुपये की भी बचत हो रही। अब तक आईजीएमसी में ही 500 के करीब एविडेंस वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो चुकी है। वहीं आईजीएमसी प्रशासन द्वारा ई कोर्ट एविडेंस वेब पोर्टल भी तैयार किया है। इस पोर्टल के माध्यम से डॉक्टरों के समन से संबंधित रिकॉर्ड को अब आसानी से अपलोड किया जा सकेगा।

वीडियो कांफ्रेंस में जब इस रिकॉर्ड की जरूरत पड़ेगी तो टेलीमेडिसिन यूनिट इसे मौके पर ही उपलब्ध करवा देगी। आईजीएमसी के ई ब्लॉक स्थित टेलीमेडिसिन यूनिट ने समन के रिकॉर्ड रखने को लेकर ई कोर्ट एविडेंस नाम से लिंक तैयार किया है। जल्द ही इस लिंक को आईजीएमसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। डॉक्टर अब आसानी से समन से संबंधित जानकारी लोड कर सकेंगे। डॉक्टरों को कोर्ट एविडेंस को लेकर होने वाली परेशानियों से अब पूरी तरह छुटकारा मिलने की उम्मीद है।

टेलीमेडिसिन यूनिट में वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से केस से संबंधित जानकारी मौके पर दी जाती थी। लेकिन कोर्ट से आए समन और अन्य रिकॉर्ड रखने को लेकर किसी तरह का इंतजाम नहीं था। अब टेलीमेडिसिन यूनिट की जूनियर इंजीनियर सुनीता भाटिया, वेब डवेलपर सचिन चौहान और तकनीशियन ललित गर्ग ने यह वेब पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल के लिंक को आईजीएमसी की साइट पर अपलोड किया जाएगा और कोर्ट से आए समन से संबंधित जानकारी डॉक्टर आसानी से अपलोड कर सकेंगे।

इस बारे में जानकारी देते हुए आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशों पर यह सुविधा शुरू की जा रही है। इससे जहां डॉक्टरों का समय बचेगा वहीं रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग से एविडेन्स की सुविधा से डॉक्टरों का काफी समय बच रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों के लिए इस तरह की सुविधा होने से सरकार द्वारा ट्रेवलिंग अलाउंस पर दिए जाने वाले लाखों रुपये का खर्च भी बच रहा है। वहीं, दूसरी ओर डॉक्टरों का दूरदराज के क्षेत्रों में जाने के दौरान लगने वाला समय भी बच रहा है। इसका सीधा फायदा मरीजों को हुआ है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के पांच सौ के करीब कोर्ट एविडेंस अब तक किए जा चुके हैं। ओर अब ई कोर्ट एविडेंस वेब पोर्टल भी शुरूकिया जा रहा है।