बरसात के दिनों में नमी की मात्रा अधिक होती है ऐसे में कोरोना के फैलने का अधिक खतरा भी बढ़ सकता है। इस स्थिति में लोगों को सावधानी बरतनी होगी। कोरोना के मामले आगामी दिनों में अगर बढ़ते हैं, तो प्रशासन उसे निपटने के लिए बिल्कुल तैयार है। आईजीएमसी के ई-बलॉक में कोरोना के मरीजों के लिए 80 बैड का आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है, जिसमें से 72 बैड पर ऑक्सीजन का प्रावधान किया गया है। IGMC में कुल 80 वैंटीलिटर है। 30 वैंटीलिटर पहले के थे और 50 वैंटीलिटर कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार से मिले है। वैंटीलिटर चलाने के लिए स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। ताकि आने वाले समय में अगर कोरोना के मामले बढ़ते है तो किसी भी प्रकार की कोई दिक्कतें न आए।
आईजीएमसी के एमएस जनक राज ने कहा कि जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कतें, हार्ट और किडऩी की बीमारी है, उनके लिए प्रदेश के मैडिकल कॉलेज में इलाज के लिए अलग से प्रावधन किया गया है, क्योंकि इन मरीजों को कोरोना की बीमारी फैलने का अधिक खतरा रहता है। कोरोना से निपटने के लिए स्टाफ को भी मानसिक और प्रशिक्षण तौर पर तैयार किया गया है। आईजीएमसी के लिए राहत भरी खबर यह है कि स्टाफ में से सिर्फ एक मामला कोरोना का सामने आया है। बाकि सारा स्टाफ सुरक्षित है। अभी तक 25 डाक्टर, नर्स और अन्य सेवा कर्मचारी क्वारंटाइन हुए हैं। कोरोना के मरीजों को देखने वाले डाक्टर और अन्य कर्मचारी सुरक्षित हैं।
जल शक्ति मंत्री सहित IGMC में कोरोना के 18 मरीज भर्ती
आईजीएमसी में जलशक्ति विभाग मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर सहित कोरोना के 18 मरीज भर्ती है। इन सभी मरीजों का उपचार जारी है। डॉ. जनक ने कहा कि मंत्री का स्वास्थ्य स्थिर है। अन्य मरीजों की हालत भी ठीक है। मरीजों के लिए पहले की अपेक्षा पुखता प्रबंध किए गए है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
स्क्रब टायफस ने पसारे पांव, IGMC में आए 12 मामले
आईजीएमसी में कोरोना के साथ साथ स्क्रब टायफस के मामले भी आ रहे हैं। अभी तक स्क्रब टायफस के 12 मरीज आए हैं। बरसात के दिनों में स्क्रब टायफस के मामले बढ़ जाते है। ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को सर्तक रहने को कहा है। स्क्रब टायफस घास के बीच पाए जाने वाले पीसू से फैलता है।