शिमला का IGMC अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। जिसमें हर दिन लगभग 2500 मरीज़ ओपीडी में आते है। इन मरीजों में 80 फीसदी मरीज शिमला जिला के आते है। जिसकी वजह से आईजीएमसी में ज़्यादा दबाब रहता है। अब सवाल ये उठता है कि छोटी मोटी बीमारियों को लेकर भी मरीज़ आईजीएमसी पहुंचते हैं। तो जिला अस्पताल क्या कर रहे है। यहां तक कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेज भी मरीज़ो को आईजीएमसी भेज देते है। परिणामस्वरूप सबसे बड़े अस्पताल में मरीजो की भरमार रहती है और जरूरतमंद मरीज इलाज के लिए भटकते रहते है।
आईजीएमसी शिमला के MS डॉ जनक बताते है कि आईजीएमसी में वर्ष 2013 में मरीज़ो का आंकड़ा 20000 था। जो अब बढ़कर 80000 हो गया है। यानी कि चार गुणा बढ़ गया है। ऊपर से स्टॉफ की कमी , विशेषज्ञ डॉक्टरों का कम होना और आधुनिक उपकरणों की जरूरत के चलते लोग परेशान होते है। बाबजूद इसके आईजीएमसी प्रशासन और स्टॉफ दिन रात मेहनत कर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है।