समाचार फर्स्ट, एजेंसी
Mandi: देश में कमजोर पुलों के गिरने पहले अब चेतावनी मिलेगी। आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों की डिजिटल मॉडलिंग की तकनीक से यह संभव होगा। इस तकनीक में पुलों की स्थिति की निगरानी रखने के लिए सेंसर लगेंगे। यातायात डेटा का उपयोग करके पुराने पुलों की स्थिति भी भांपी जा सकेगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस शोध से जानी नुकसान से बचा जा सकेगा। प्रतिष्ठित पत्रिका, स्ट्रक्चरल हेल्थ मॉनिटरिंग में इसका शोधपत्र प्रकाशित हुआ है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी की वैज्ञानिक डॉ. सुभामोय सेन ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि यह मॉडल भविष्यवाणी करता है कि समय के साथ विभिन्न यातायात पैटर्न पुल के विभिन्न हिस्सों को कैसे प्रभावित करते हैं, साथ ही विशेषज्ञों को क्षति के लिए सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करते हैं। इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों का पता लगाने के बाद, तनाव और कंपन की निगरानी के लिए प्रमुख स्थानों पर थकान-संवेदनशील सेंसर स्थापित किए जाते हैं। डिजिटल मॉडल से यातायात पैटर्न के साथ संयुक्त यह वास्तविक समय डेटा, विशेषज्ञों को यह ट्रैक करने की क्षमता प्रदान करता है कि समय के साथ यातायात पुल को कैसे प्रभावित करता है। यदि आवश्यक हो, तो पुल की सुरक्षा सुनिश्चित करने और क्षति को रोकने के लिए यातायात प्रवाह और गति में समायोजन किया जा सकता है।
Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…
Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…
DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…
Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…
PWD Multi-Task Workers ₹5000: हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग में नियुक्त करीब 4,800…
कांगड़ा एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक डिसड्रोमीटर से मौसम अध्ययन को मिलेगा नया आयाम भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम…