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अवैध निर्माण गिराने में जुटे होटल-मालिक, मैक्लोडगंज के 200 होटलों पर गिरी है गाज

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला |

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मैक्लोडगंज में होटलों के अवैध स्ट्रक्चर पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। अभी तक 200 अवैध होटलों के खिलाफ नोटिस जारी की गई है। आलम ये है कि कसौली-कांड से भी सीख लेते हुए अधिकांश होटल-कारोबारी अपने अवैध निर्माण खुद ही हटाने में जुटे हुए हैं।

मैक्लोडगंज और धर्मशाला क्षेत्र में तकरीबन 300 से अधिक छोटे-बड़े होटल और होम-स्टे हैं। इनमें से 170 होटलों के बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया गया है। जबकि, 38 पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। प्रशासन की तरफ से समय रहते इन्हें अपने अवैध ढांचे को गिराने और पार्किंग की व्यवस्था मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अगर होटल-कारोबारी अवैध निर्माण नहीं हटाते हैं और पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं करते हैं, तो उन्हें किसी भी सूरत में NOC नहीं दी जाएगी।

अवैध निर्माण हटाने में जुटे होटल-मालिक

अदालत के निर्देश और प्रशासन के सख़्त रवैये को देखते हुए होटल कारोबारी अपने अवैध निर्माण हटाने में जुट गए हैं। होटल, होम-स्टे और रेस्टोरेंट के मालिक जल्द से जल्द अवैध निर्माण को गिराकर दोबारा अपना धंधा जुटाने में लगे हैं। समाचार फर्स्ट ने मैक्लोडगंज में  कार्रवाई की मार झेल रहे होटल एशियन प्लाजा के मालिक से बात की। होटल के मालिक विजय भारद्वाज का कहना है कि उनके होटल की एक मंजिल नियमों के अनुरूप नहीं थी। लिहाजा, उनके खिलाफ भी नोटिस जारी हुआ और बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए गए। चूंकि कोर्ट का निर्देश भी है, इसलिए अदालत के आदेश का सम्मान करते हुए वह अवैध निर्माण गिरा रहे हैं। इसके साथ ही होटल में पार्किंग कि भी व्यवस्था कर रहे हैं। ताकि, काफी समय से बंद होटल नियम के मुताबिक खड़ा हो और ईमानदारी से अपना बिजनेस करे।

नगर निगम आयुक्त संदीप कदम ने बताया कि होटलों एवं गेस्ट हाउस में पार्किंग, फायर सुरक्षा सिस्टम होना अनिवार्य है। इसी नियमों पर पूरा न करने वाले लगभग 200 होटलों को नोटिस जारी किया गया है।

होटल कारोबार ठप, रोजगार पर पड़ी मार

धर्मशाला और मैक्लोडगंज के अधिकांश रेस्टोरेंट और होटलों के बंद होने से इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ा है। भारी संख्या में युवा होटल-इंडस्ट्री के बंद होने से सड़क पर आ गए हैं। काम नहीं मिलने से रोजीरोटी की समस्या खड़ी हो गई है। ये बंद हुए तकरीबन 170 होटलों के सैंकड़ों कर्मचारी लगातार रोजगारी की तलाश में हैं। हालांकि, जब तक होटल इंडस्ट्री लीगल-फॉर्मेलिटी पूरी कर सुचारू रूप से चलना शुरू नहीं करती, तब तक कारोबार से जुड़े लोगों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना ही पड़ेगा।