इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र और राज्य सरकारों को पर्यटन और तीर्थ यात्राओं को क़ाबू करने की हिदायत दी है। चिकित्सकों के संघ ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं लिए गए तो देश और प्रदेश को फिर बंद करना पड़ सकता है।
डाक्टरों के अनुसार कोरोना महामारी की तीसरी लहर नजदीक ही है। इस समय लोगों और सरकार को सावधानी वर्तने की आवश्यकता है परन्तु वह समारोह और छुट्टियों के आयोजनों में व्यस्त हैं, संघ ने कहा।
पिछले कुछ दिनों में पहाड़ी राज्यों, खास कर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पर्यटक नगरियों में सैलानियों की भारी भीड़ के चलते तीसरी लहर के प्रकोप की चिंता और बड़ गयी हैं। जुलाई के पहले वीकेंड पर धर्मशाला, शिमला, मनाली, डलहौज़ी समेत प्रदेश सभी नगरों में होटल पूरी तरह भरे हुए थे। इस वीकेंड भी 80 फीसदी कमरों की बुकिंग दर्ज की गई है। पर्यटकों के एक जगह इस तरह इकट्ठे होने से न सिर्फ पहाड़ी राज्यों बल्कि पुरे देश में कोरोना की तीसरी लहर फैलने का डर है। दूसरी लहर से पहले भी कुम्भ मेले और चुनावी अभियान के चलते स्थिति हाथ से निकल गयी थी, संघ ने चेतावनी दी।
पहले दो लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश के 90 फीसदी होटल मालिक बैंक डिफ़ॉल्टर बनने की कगार पर हैं। यातयात से जुड़े लोगों की आर्थिकी भी बुरे हालत से गुजर रही है। बहुत से बस ऑपरेटरों को भारी नुकसान हुआ है। बस किराये में बढ़ोतरी से आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर तीसरी बार प्रदेश को बंद करना पड़ा तो सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को संभालना और रोजगार पैदा करना बड़ी चुनौतियों होंगी।