Follow Us:

निजी स्कूलों में हो रही भारी फीस और किराया वृद्धि पर तुरंत लगाई जाए रोक: छात्र अभिभावक मंच

पी. चंद, शिमला |

छात्र अभिभावक मंच का प्रतिनिधिमंडल मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में संयुक्त शिक्षा निदेशक उच्चतर शिक्षा हिमाचल प्रदेश से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। मंच ने मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा इस वर्ष की जा रही भारी फीस और किराया वृद्धि पर तुरन्त रोक लगाई जाए। मंच ने चेताया है कि अगर शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी लूट व मनमर्जी पर रोक न लगाई तो मंच उग्र आंदोलन की राह पर आगे बढ़ेगा।

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि पिछले दो वर्षों से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी लूट,भारी फीसों व अन्य मुद्दों पर मंच निरन्तर आंदोलनरत है परन्तु प्राइवेट स्कूल लगातार मनमानी लूट व मनमर्जी कर रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण सरस्वती पैराडाइज़ इंटरनेशनल स्कूल संजौली है जहां पर इस वर्ष तेरह से अट्ठारह प्रतिशत की फीस बढ़ोतरी की गई है। इस फीस बढ़ोतरी के साथ ही बस किराया में बीस प्रतिशत से ज़्यादा किराया  बढ़ोतरी की गई है। पिछले दो वर्षों में इस स्कूल में पच्चीस से तीस प्रतिशत फीस बढ़ोतरी की गई है। बस किरायों में पचास से पचपन प्रतिशत वृद्धि की गई है। इस सब पर शिक्षा विभाग खामोश है। पिछले वर्ष जब इस स्कूल की एक शिक्षा अधिकारी ने इंस्पेक्शन की थी तो उन्होंने इस स्कूल प्रबंधन के साथ मिलकर झूठी रिपोर्ट शिक्षा निदेशक को सौंपकर उन्हें गुमराह किया था।

उन्होंने मांग की है कि इस बात की भी विभागीय जांच होनी चाहिए की आखिर उक्त अधिकारी ने क्यों गलत रिपोर्ट पेश की व इस निजी स्कूल प्रबंधन का क्यों बचाव किया। इस बात से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि कुछ शिक्षा अधिकारी निजी स्कूलों से मिलीभगत करके उनकी लूट को खुला संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब अभिभावक इस स्कूल प्रबंधन से इस लूट के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते हैं तो उन्हें डराया- धमकाया जाता है। पिछले दिनों फीस बढ़ोतरी के मसले पर हुई पीटीए मीटिंग में स्कूल के संचालक ने एक पीटीए सदस्य को धमकी तक दी थी कि अगर फीस बढ़ोतरी का विरोध करोगे तो फिर अपने बच्चे को स्कूल से निकाल लो। निजी स्कूल प्रबंधन एक ओर शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2019 में जारी की गयी 18 मार्च,8 अप्रैल,4 मई व दिसम्बर की अधिसूचनाओं की खुली अवहेलना कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अभिभावकों को भी डरा-धमका रहे हैं। यह निजी स्कूलों की तानाशाही की पराकाष्ठा है।

शिक्षा विभाग की अधिसूचनाओं द्वारा इन स्कूलों को फीस बढ़ोतरी करने से न केवल रोका गया था अपितु अभिभावकों से वर्ष 2019 में वसूली गयी भारी फीस का एक भाग समायोजित करने का भी दिशानिर्देश दिया गया था परन्तु न तो किसी भी स्कूल ने वर्ष 2019 की फीस को समायोजित किया और न ही फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाई। हर वर्ष की भांति वर्ष 2020 में भी प्राइवेट स्कूलों ने सत्र शुरू होते ही एक बार पुनः फीस बढ़ोतरी के साथ फीस बुकलेट अभिभावकों को जारी करना शुरू कर दिए हैं।

विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों की लूट का सिलसिला अन्य माध्यमों से भी जारी है। सरस्वती पैराडाइज़ स्कूल जैसे स्कूल अपनी बसों के किराए में भारी वृद्धि करके भारी लूट कर रहे हैं तो अन्य निजी स्कूल  प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों से मिलीभगत करके मनमानी बस व टैक्सी किराया वृद्धि कर रहे हैं। यह खुली लूट व मनमानी है। इस पर प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग खामोश हैं। इसके खिलाफ मंच खामोश नहीं रहेगा व सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेगा।